बिलासपुर। रेकी सेंटर का संचालक ने खुद को एंटी करप्शन ब्यूरो का अफसर बताकर होम्योपैथी की एक छात्रा से 9 लाख की ठगी की। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी के पहले से कई मामले दर्ज है। सभी मामलों में नौकरी का झांसा कॉमन प्वाइंट हैं। फिलहाल इस मामले में सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज फर्जी एसीबी के अफसर की तलाश शुरू कर दी है।
सिविल लाइन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मयूरगंज ओडिशा निवासी पल्लवी पांडा पिता हेमंत कुमार (28) बिलासपुर में BHMS (होम्योपैथी) की पढ़ाई कर रही है। बीते पांच सालों से छात्रा यहां पर रहकर पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान वह नेहरू नगर स्थित श्रीशंकर रेकी सेंटर में रेकी विद्या सीखने जाती थी। इस दौरान रेकी सेंटर के संचालक थालेश्वर प्रसाद शर्मा ने छात्रा को बताया कि व एंटी करप्शन ब्यूरो का अधिकारी और किसी की भी सरकारी नौकरी लगवा सकता है।
छात्रा थालेश्वर प्रसाद के झांसे में आ गई। थालेश्वर ने इसके लिए 15 लाख की डिमांड रखी तो छात्रा ने 9 लाख रुपए दे दिए। कई दिनों तक कोई रिस्पांस नहीं मिला। छात्रा ने जब संपर्क किया तो उसने फोन उठाना भी बंद कर दिया। छात्रा ने पता साजी की तो पता चला कि वह इस प्रकार झांसा देकर कई लोगों को ठग चुका है। इसके बाद छात्रा ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई। सिविल लाइन पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी डॉक्टर इससे पहले भी एक कॉलेज संचालक के परिवार के सदस्य को नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी कर चुका है। फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।