भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सिंटर प्लांट-3 बिरादरी ने पर्यावरण बचाने की एक अनुठी पहल को अंजाम दिया। सिंटर प्लांट-3 में 20 साल पुराने विषाल बरगद के पेड़ को स्थानांतरित कर अन्य स्थान पर पुन: लगाने की एक अनुकरणीय पहल की। पेड़ बचाने की इस मुहिम की साक्षी बनी सेल चेयरमेन सोमा मण्डल। सेल अध्यक्ष सोमा मण्डल की उपस्थिति में इस विशाल बरगद के पेड़ को नये स्थान पर पुन: रोपित किया गया। इस अवसर पर सेल के निदेशक हरिनन्द राय, बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता सहित संयंत्र के संयंत्र के कार्यपालक निदेशक डॉ एस के इस्सर, कार्यपालक निदेशक राकेश, कार्यपालक निदेशक एके भट्टा, कार्यपालक निदेशक एसके दुबे, कार्यपालक निदेशक अंजनी कुमार तथा एसपी-3 के मुख्य महाप्रबंधक एसवी नंदनवार तथा एसपी-3 के कार्मिक व अधिकारी उपस्थित थे।
विदित हो कि यह पेड़ मूल रूप से एसपी-3 के कच्चे माल क्षेत्र में आरएमपी एराइजिंग बिल्डिंग के पीछे स्थित था। आरएमपी एराइजिंग बिल्डिंग के पीछे के खुले क्षेत्र को छत से कवर करने की योजना बनाई गई थी ताकि बारिश के मौसम में आरएमपी एराइजिंग को गीला होने से रोका जा सके। इस छत के निर्माण में मुख्य बाधा यह वृक्ष था, जो उस स्थान पर स्थित था जहां छत के स्तंभों में से एक को खड़ा किया जाना था। एसपी-3 के सामने पेड़ को काटने या पेड़ को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने के केवल दो विकल्प मौजूद था।
मुख्य महाप्रबंधक (एसपी-3) एस वी नंदनवार के कुशल मार्गदर्शन में एसपी-3 बिरादरी ने इस 20 साल पुराने पेड़ को स्थानांतरित करने की इस चुनौतीपूर्ण परियोजना को हाथ में लिया। इस हेतु एक विह्यशाल गड्ढा खोदा गया और पेड़ के चारों ओर की मिट्टी को 3 दिनों तक नम किया गया। ओमेगा क्रेन की मदद से पेड़ को सहारा देते हुए उठाया गया। पेड़ को निकालते समय उसके जड़ों और आसपास की मिट्टी के गुच्छों को अक्षुण्ण रखने का विशेष ध्यान रखा गया। पेड़ को ट्रेलर की मदद से हटाकर एसपी-3 स्थित सिंटर भवन के सामने नए गड्ढे में लगाया गया। इस प्रकार एसपी-3 बिरादरी ने इस अनूठी पर्यावरण पहल को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। सेल के अध्यक्ष सोमा मंडल एवं सेल के निदेशक (तकनीकी, परियोजना और कच्चा माल) हरिनन्द राय ने एसपी-3 टीम के रचनात्मक प्रयास और टीम भावना की सराहना की।
एसपी-3 की अनूठी पहल: 20 साल पुराने बरगद के पेड़ को किया स्थानान्तरित…. सेल चेयरमेन सोमा मंडल की उपस्थिति में किया गया रोपण
