रायपुर। अक्षय तृतिया यानि छत्तीसगढ़ के अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस के मौके पर शनिवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस दौरान सीएम बघेल एक किसान के रूप में दिखे। सबसे पहले उन्होंने गांव की माटी, देवी-देवताओं और ठाकुर देव की पूजा की। मुख्यमंत्री ने बीज बुवाई संस्कार के तहत लौकी, सेम, तोरई के बीज बोये। यही नहीं मुख्यमंत्री बघेल ने गोमाता को चारा खिलाया और धान की कोठी से बीज लाकर पूजा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अच्छी फसल के लिए धरती माता से कामना की। यही नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खेत जोतने के लिए खुद की ट्रैक्टर चलाने लगे। उन्होंने ट्रेक्टर चलाकर खेत जोता।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कृषक सभागार भवन, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय कैम्प कार्यालय और नव निर्मित क्लस्टर क्लासरूम भवन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है 70 से 80 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं। इन चार सालों में कृषि उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में खासकर आदिवासी अंचलों में कोदो, कुटकी, रागी का उत्पादन करते हैं । छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो औऱ कुटकी का समर्थन मूल्य निर्धारित किया और उसकी खरीदी की व्यवस्था भी की है।


लोकप्रिय हो रही है बस्तर की कॉफी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर कॉफी अब काफी लोकप्रिय हो रही है। हम उसकी मांग की पूर्ति भी नहीं कर पा रहे हैं। बस्तर क्षेत्र में पहले किसान मिर्ची की तोड़ने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जाया करते थे। अब किसान खुद ही बस्तर में मिर्ची की खेती कर रहे हैं। प्रदेश में उद्यानिकी एवं वानिकी के विकास के लिए भरपूर संभावनाएं हैं छत्तीसगढ़ उद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में एक बड़ा हब बनेगा देश-विदेश से लोग यहां अध्ययन के लिए आएंगे।
