नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित कल (आठ नवंबर) सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि, आठ नंवबर को गुरु नानक जयंती होने के कारण अदालत में अवकाश रहेगा। ऐसे में जस्टिस ललित का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी कार्य दिवस है। उनके आखिरी कार्य दिवस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीजेआई की अध्यक्षता वाली औपचारिक सेरेमोनियल पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, दोपहर दो बजे के बाद सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही शुरू होगी। इसमें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी शामिल होंगे। बता दें, सेरेमोनियल बेंच में भारत के मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के साथ पीठ साझा करते हैं। इस दौरान बार के अन्य सदस्य व अन्य अधिकारी उन्हें विदाई देते हैं।
छह अहम मामलों में सुनाएंगे फैसला
अपने अंतिम कार्य दिवस में जस्टिस यूयू ललित छह अहम मामलों पर फैसला सुनाएंगे। इसमें सबसे बड़ा मामला सामान्य वर्ग के आर्थिक गरीब (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण का है। इस आरक्षण की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। वहीं दूसरा मामला आम्रपाली आवासीय योजना से जुड़ा है। इसमें आवंटियों को फ्लैट दिलवाने या उसके बदले पैसे दिलवाने पर सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला सुनाने वाला है। वहीं अन्य चार मामले सामान्य हैं।
27 अगस्त को ली थी सीजेआई के रूप में शपथ
जस्टिस यूयू ललित ने देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में 27 अगस्त को शपथ ली थी। उनका कार्यकाल 74 दिन का रहा। जस्टिस यूयू ललित का परिवार पीढिय़ों से न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा रहा है। जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में एक वकील थे। जस्टिस यूयू ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित भी एक पेशेवर वकील रह चुके हैं। बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। इसके अलावा जस्टिस ललित के दो बेटे हर्षद और श्रेयश, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, बाद में श्रेयश ललित ने भी कानून की ओर रुख किया। उनकी पत्नी रवीना भी वकील हैं।