श्रीकंचनपथ डेस्क। समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया है। उनके निधन पर देशभर में शोक का माहौल है। राजनीति के दिग्गज उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके योगदान को याद कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं मुलायम सिंह यादव के एक फैसले ने शहीदों को सम्मान बढ़ाया है। आज हम आपको बता रहे हैं मुलायम सिंह यादव के उस फैसले के बारे में जिसने सेना के जवानों का सम्मान बढ़ाया।
देश की राजनीति की अहम कड़ी रहे मुलायम सिंह यादव ने 50 वर्षों से भी अधिक समय तक सक्रिय राजनीति की। वे तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहने के साथ ही 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री भी रहे। रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शहीद सैनिकों के लिए बड़ा फैसला किया। शहीद सैनिकों के शवों को सम्मान के साथ घर पहुंचाने का निर्णय मुलायम सिंह यादव का ही था। रक्षामंत्री रहते हुए उन्होंने यह बड़ा फैसला किया था।

मुलायम सिंह यादव ने फैसला लिया था कि शहीद जवान का शव पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाया जाएगा और डीएम और एसपी शहीद जवान के घर जाएंगे। इस फैसले से पहले सीमा पर यदि कोई जवान शहीद होता था, तो उनका शव घर पर नहीं पहुंचाया जाता था. उस समय तक शहीद जवानों की टोपी उनके घर पहुंचाई जाती थी। यही नहीं मुलायम सिंह यादव के रक्षा मंत्री रहते हुए भारत ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान की डील की थी।

एक नजर मुलायम सिंह के राजनीतिक सफर पर
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को यूपी के इटावा जिले में हुआ था। वो राममनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रभावित थे और इन्हीं के कारण राजनीति में आए। मुलायम सिंह यादव 10 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं। 1967 में वे पहली बार विधायक बने। अक्टूबर 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर समाजवादी पार्टी बनाई जो कि उनके लिए बड़ा निर्णय साबित हुआ। मुलायम सिंह यादव 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री रहे।