नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को एक बार फिर से बड़ी सफलता मिली है। नारायणपुर में 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वालों में 8 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इन सभी आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों के ऊपर 37 लाख रुपए से ज्यादा का का इनाम घोषित था। नक्सलियो के आत्मसमर्पण पर सीएम साय ने कहा कि नक्सली अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं
नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर नारायणपुर में शुक्रवार को 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वालों में 14 पुरुष और आठ महिला नक्सली शामिल हैं। साथ ही एक दंपति ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि कुतुल एरिया कमेटी के अलावा आमदाई एरिया कमेटी में सक्रिय रहने वाले नक्सलियों ने आत्म समर्पण करने का फैसला लिया। नक्सलियों की टीम में शामिल एरिया कमांडर सुखलाल जिसपर 8 लाख का इनाम था, उसने भी अपनी पत्नी के साथ सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर कुल 37 लाख 50 हजार का इनाम है।

सीएम साय ने दोहराया 31 मार्च 2026 का दिन
नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं। नारायणपुर जिले में ₹37 लाख 50 हजार के 22 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के ऊपर ₹50 हजार रुपए से लेकर ₹8 लाख तक के इनाम घोषित थे। हमारी सरकार में अब तक 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं ने विश्वास जगाया है, लोग हिंसा छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनरुत्थान हेतु हम पूर्णतः संकल्पित हैं। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
