भिलाई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश कर दिया है। इसबार के बजट में सबसे ज्यादा चर्चा टैक्स स्लैब को लेकर हो रही है। 8 साल बाद सरकार ने मध्यम वर्ग को राहत देते हुए 7 लाख रुपए तक के इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया है। केन्द्रीय बजट हर वर्ग को प्रभावित करता है ऐसे में भिलाई के लोगो को इससे क्या क्या फर्क पड़ेगा इसकी जानकारी दे रहे हैं भिलाई सीए ब्रांच के पूर्व चेयरमेन सीए पियूष जैन।
14 प्वाइंट में समझे बजट की खास बातें

1. एमएसएमई उद्योगों के लिए बहुत अच्छी खबर, अब कोई भी व्यापारी यदि किसी एमएसएमई से माल या सेवाएं लेता है तो उसे उस एमएसएमई को एमएसएमई अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत बताई तिथि तक भुगतान करना होगा अन्यथा उस खर्चे का डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा। आयकर की धारा 43 बी एक नया प्रावधान कर एमएसएमई को देय भुगतान पर छूट अब पेमेंट बेसिस पर मिलेगा।

2. गैर सरकारी कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट टैक्स में बड़ी छूट अब 25 लाख तक करमुक्त होगा।
3. जीएसटी कानून में भी एमएसएमई से लिये हुये माल या सेवाओं पर आईटीसी तभी मिलेगा जब, उक्त एमएसएमई को बिल का भुगतान 180 दिनों के भीतर कर दिया जायेगा। इस प्रकार भिलाई के छोटे उद्योगों को अपने बकाया जल्दी प्राप्त हो सकेंगे।
4. आयकर में स्लैब को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर दिया गया है तथा नई कर व्यवस्था में स्लैब में जो बदलाव हुए हैं उससे वेतनभोगी तथा व्यापारी सभी को लाभ मिलेगा।
उदाहरणतः यदि 9 लाख तक की आय वाले व्यक्ति को अब सिर्फ 45 हजार रूपए ही टैक्स देना होगा जो पूर्व में 60 हजार रूपए देना होता था।
5. आयकर विभाग ने रिटर्न प्रोसेसिंग टाइम 16 दिन तक कर दिया है जो पूर्व में 93 दिन तक होता था, इस वजह से अब आयकरदाता को रिफंड जल्दी प्राप्त हो सकेगा।
6. भिलाई की स्टार्टअप बिरादरी के लिए सौगात के रूप में जो भी नया स्टार्टअप मार्च 2024 तक पंजीकृत होगा उसे आयकर के प्रावधानों का लाभ मिलेगा। यदि किसी स्टार्टअप को नुकसान होता है तो वह 10 वर्षों तक कैरी फॉरवर्ड कर सकता है।
7. एक अप्रैल 2023 के बाद पंजीकृत सहकारी समिति यदि 31 मार्च 2024 के पहले मैनूफैक्चरिंग स्थापित कर लेती है तो उसकी आय़ पर कर 15 प्रतिशत की दर से लगेगा। इसका फायदा यह होगा कि अब सहकारी उद्योग अपने दाम कॉर्पोरेट्स के प्रतिस्पर्धी रख पायेंगे।
8. प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटी समिति एवं उसके सदस्य दो लाख रूपए तक नगद में लोन ले तथा चुका सकती है।
9. धारा 44 AD का लाभ अब जो भी व्यापार का टर्नओवर तीन करोड़ तक है तथा कैश रिसिप्ट टर्नओवर का 5 प्रतिशत से कम है, उनको मिल सकेगा तथा उन्हें चार्टर्ड एकाउंटेंट से ऑडिट कराने की बाध्यता नहीं होगी। इसी प्रकार धारा 44 ADA के अंतर्गत जो प्रोफेशनल्स आते हैं उसकी सीमा 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख तक कर दी गई है।
10. धारा 10 (22 B) के अंतर्गत न्यूज एजेंसी की सभी आय करमुक्त हुआ करती थी यह छूट वित्तवर्ष 2023-24 से समाप्त कर दी गई है।
11. धारा 194 BA 1 जुलाई 2023 से लागू होगा तथा ऑनलाइन गेम या ऑनलाइन बेटिंग से होने वाली आय पर टीडीएस के प्रावधान लागू कर दिये गये हैं। इससे शासन को कर के साथ ही ऑनलाइन गेम खेलने वालों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो जायेगी तथा ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर आयकर विभाग नजर रख पायेगा। उदाहरणतः ड्रीम इलेवन जैसी कंपनियों को अब यूजर्स की जीती हुई राशि पर टीडीएस काटकर जमा करना होगा।
12. यूलिप पॉलिसी, इंश्योरेंस पॉलिसी जिसका प्रीमियम या कुल प्रीमियम 5 लाख से ज्यादा हो, उससे प्राप्त आय को कर के दायरे में लाया गया है।
13. छोटे करदाता जिनके अपील के केस चल रहे हैं उन्हें फास्टट्रैक खत्म करने के लिए ज्वाइंट कमिश्नर (अपील्स) का नया पद बनाया गया है। जिससे छोटे करदाताओं को जल्द राहत दी जा सके।
14. धारा 155 (20) के अंतर्गत यदि किसी करदाता विगत 4 वर्षों के टीडीएस की छूट अपने रिटर्न में नहीं ले पाया था वह अब इस धारा के अंतर्गत असेसिंग ऑफिसर के पास आवेदन देकर टीडीएस का रिफंड मांग सकता है।