स्माइल ए लिटिल फाउंडेशन के सहयोग से लगाया रक्तदान शिविर
स्पंदन हार्ट केयर सेन्टर ने भी लगाया शिविर, मुफ्त में हुई ईसीजी
भिलाई। लोगों ने अपने मसीहा को उनके जन्मदिन पर लड्डुओं से तौल दिया। जोशोखरोश के साथ भिलाई नगर निगम के वरिष्ठ एमआईसी सदस्य लक्ष्मीपति राजू का जन्मदिन मनाने के लिए पहुंचे लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। हो भी क्यों नहीं, लक्ष्मीपति राजू ने बेटा, भाई और दोस्त बनकर लोगों को कोरोना से बचाने के लिए अपना जीवन जो दांव पर लगा दिया था।
सुबह से ही सेक्टर-7 स्थित उनके निवास पर लोगों का आना-जाना प्रारंभ हो गया था। उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते जन्मदिन मनाया। हमेशा की तरह श्री राजू प्रात: स्नान एवं पूजा अर्चना के बाद जब घर से निकले तो लोगों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। लोगों ने अपने प्रिय नेता श्री राजू को लड्डुओं से तौल दिया।

पार्षद नहीं जनसेवक – देवन्द्र
श्री राजू को भरपूर सम्मान देते हुए विधायक एवं पूर्व महापौर देवेन्द्र यादव ने एक बार कहा था कि श्री राजू पार्षद नहीं बल्कि जनसेवक है। उनसे किसी का कष्ट नहीं देखा जाता। यहां तक कि चुनावों के दौरान जब लोग अपने-अपने वार्डों में फंसे रहते हैं तब भी श्री राजू पूरे निगम चुनाव के लिए काम करते हैं। वे श्री राजू के ठहराव, सुलझी सोच एवं कठिन परिश्रम की मिसाल देते नहीं थकते।


श्री राजू की दिनचर्या में प्रतिदिन मंदिर जाना भी शामिल है। सभी लोग उनके साथ-साथ मंदिर पहुंचे। यहां पूजा अर्चना की गई। श्री राजू ने जहां लोगों के बेहतर स्वास्थ्य एवं सुरक्षित जीवन की दुआ मांगी वहीं लोगों ने श्री राजू की अच्छी सेहत और लंबी आयु के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
इसके बाद सभी सेक्टर-9 स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे तथा वहां पूजा अर्चना करने के बाद जनता की अच्छी सेहत और कोरोना से बचाव की दुआ मांगी। इसके बाद लड्डुओं को मंदिर आने वाले लोगों तथा गरीबों को बांट दिया गया।
श्री राजू को बधाई देने वालों में बच्चे, बूढ़े, महिला पुरुष सभी शामिल थे। ये वही लोग थे जिनकी श्री राजू पिछले दो वर्षों से चल रही महामारी से बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। इन लोगों का कहना था कि यदि राजू बेटा नहीं होता तो कोरोना को इतनी आसानी से मात देना शायद संभव नहीं होता। हम प्रतिदिन अपने परिचितों की मौत की खबरें सुन रहे थे, सेक्टर-9 अस्पताल तक जाने में भी डर लगता था।


दरअसल कोरोना काल में श्री राजू ने वार्ड सहित पूरे भिलाई के निवासियों का जिस तरह ख्याल रखा उसकी मिसालें दी जा सकती हैं। उन्होंने संक्रमण से लोगों को बचाने के साथ ही उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखने के लिए दिन रात एक कर दिया था। इस दौरान संसाधन जुटाने के साथ ही सामग्री वितरण का बेहतरीन प्रबंधन कर उन्होंने अपनी अद्भुत क्षमताओं का प्रदर्शन किया था।
आरंभिक दौर में जब कोविड का कोई इलाज उपलब्ध नहीं था श्री राजू ने बुजुर्गों को होम आइसोलेशन में ही रहने की सलाह दी। जिनकी दवाइयां चल रही थीं, उनकी दवा रिपीट कराने से लेकर दवाओं की घर पहुंच सेवा देने का भी उन्होंने प्रबंध किया था। संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए मास्क, सेनेटाइजर, सुरक्षात्मक दवाएं घर घर पहुंचाने का बेहतरीन प्रबंध किया गया था।

यही नहीं घर में दुबके हुए लोगों को राशन, सब्जियों की कोई परेशानी न हो इसका ख्याल रखने के लिए एक पूरी टीम काम कर रही थी। लोगों की जरूरतों का पता लगाने के लिए चार हेल्पलाइन नंबर जारी किये गये थे। लोग इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके अपनी जरूरत बता दिया करते थे और कुछ ही घंटों में जरूरत का सामान उनतक पहुंच जाता था।
दूसरे दौर की काली विभीषिका के बाद जब टीकाकरण प्रारंभ हुआ तो यह एक नई समस्या लेकर आया। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित रखते हुए टीकाकरण कराना एक कठिन चुनौती थी। लोग प्रतिदिन केवल अखबारों में पढ़ते की टीके नहीं मिल रहे हैं, अभी केवल इतनी उम्र के लोगों को लगाया जा रहा है, आदि-आदि। इस बीच टीके भी दो-तीन प्रकार के आ गए और लोगों में कंफ्यूजन और बढ़ गया। लोग टीकाकरण केन्द्र तक जाते और बिना लगवाए ही वापस लौट आते। ऐसी समय में श्री राजू ने एक बार फिर अपनी क्षमताओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

यह पूरा भिलाई जानता है कि श्री राजू के निवास कार्यालय के पास बना टीकाकरण केन्द्र किस तरह काम कर रहा था। दूर-दूर से लोग फोन पर जानकारी हासिल कर यहां पहुंच रहे थे। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों के बैठने की अलग से व्यवस्था की गई थी। बारी आने पर लोगों को बुलाया जाता और सैनेटाइज करने के बाद उन्हें टीकाकरण के लिए भेजा जाता। इस केन्द्र में रिकार्ड 20 हजार से ज्यादा लोगों ने टीका लगवाया। सेक्टर-7 के नाम एक और रिकार्ड यहां बना कि सबसे पहले इस सेक्टर में 100 प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य और फिर सेकण्ड डोज के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया।
नि:शुल्क हार्ट केयर शिविर
श्री राजू के जन्मदिन के मौके पर भी जनसेवा का यह कार्य अनवरत चलता रहा। आज स्पंदन हार्ट केयर सेन्टर के सौजन्य से यहां हार्ट हेल्थ चेकअप कैम्प लगाया गया। इसमें लोगों की बीपी, शुगर की जांच करने के साथ ही आवश्यकता पडऩे पर उनकी ईसीजी भी मुफ्त में की गई। बार्डर लाइन के लोगों को बेहतर लाइफ स्टाइल अपनाने की सलाह भी चिकित्सकों ने दी।

विशाल रक्तदान शिविर
जन्मदिन के मौके पर लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के साथ ही स्माइल ‘ए लिटिल फाउंडेशन’ के सहयोग से रक्तदान शिविर लगाया गया। श्री राजू के समर्पित कार्यकर्ताओं ने स्वैच्छिक रक्तदान कर इसकी शुरुआत की और फिर रक्तदान करने वालों की तांता लग गया। इससे लोगों को जनसेवा में सहयोग करने की प्रेरणा भी मिली।
छात्र जीवन से चल रही राजनीति
श्री राजू का राजनीति में प्रवेश छात्र राजनीति से हुआ। आज उन्हें खुशी है कि जिस कल्याण कालेज से उन्होंने पढ़ाई की आज उसी कालेज की सेवा करने का मौका मिल रहा है। इस महाविद्यालय के विस्तार के लिए उन्होंने संसाधन जुटाए और चार कक्षाओं का निर्माण कराया। बास्केट बाल कोर्ट, सायकल स्टैंड, पार्किंग में पेवर ब्लॉक लगवाना, समय समय पर महाविद्यालय का संधारण करवाना जैसी जिम्मेदारियों का वे बखूबी निर्वहन करते रहे हैं।

चौथी बार पार्षद चुने गए लक्ष्मीपति राजू पर कल्याण महाविद्यालय के प्राध्यापकों को भी नाज है। वे कहते हैं कि ऐसा छात्र पाकर वे गदगद हो गये हैं। श्री राजू को एक अच्छे छात्र के रूप में याद करते हुए वे कहते हैं कि वह समझबूझ और संस्कारों का धनी था। जब उसने राजनीति में पदार्पण किया तो हम सब दिलचस्पी से उसकी यात्रा को देख रहे थे। पर जिस तरह से उसने लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई उससे हमारा सिर भी गर्व से ऊंचा हो गया। आज हम दूसरे विद्यार्थियों को उसकी मिसाल देते हैं।
वार्ड 65-66 (अब 66-67) के बाशिंदे बताते हैं कि वार्डों में सुन्दर पार्कों के बनने के शुरुआत उनके वार्ड से ही हुई। खाली पड़े मैदान अब बेहद खूबसूरत हो गये हैं जहां दिन में बच्चे खेलते हैं और सुबह शाम लोग वॉकिंग करते हैं। यह उठने बैठने के साथ ही पिकनिक के लिए भी एक अच्छा केन्द्र हो गया है।
श्री राजू के कार्यकाल की एक बड़ी उपलब्धि है सेक्टर-7 के उपेक्षित तालाब का सौन्दर्यीकरण। कल्याण कालेज के सामने, मंदिर काम्पलेक्स और बीएसपी गैरेज के पीछे छिपे इस तालाब को लोग भूल ही गए थे। श्री राजू ने 1.50 करोड़ की लागत से इस तालाब का गहरीकरण, पचरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण करा दिया। यहां शिवजी की विशाल प्रतिमा की स्थापना की। अब यह तालाब केवल छठ के दौरान ही गुलजार नहीं होता बल्कि लोग यहां अपने मेहमानों को सैर कराने के लिए भी लेकर आते हैं। महाविद्यालय एवं कोचिंग सेन्टर से घिरे हुए इस तालाब के पास अब एक रीडिंग रूम (पुस्तकालय) की स्थापना की कोशिश की जा रही है।