रायपुर। कोरोना काल में राज्य सरकार ने शराब पर कोरोना टैक्स लगाया था जिसे हटाने का निर्णय लिया। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद शराब की कीमतों के कम होने की अटकलें लगने लगी। लेकिन शराब प्रेमियों को कोरोना टैक्स हटने के बाद भी कीमतों में कोई भी राहत नहीं मिलेगी। दरअसल सरकार ने शराब पर कोरोना टैक्स के नाम पर वसूले जाने वाले पैसे को पढ़ाई और कृषि के नाम पर वसूली का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति को भी मंजूरी दी है। इसके तहत पिछले साल की तरह इस साल भी शराब से पांच हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए अतिरिक्त शुल्क को भी खत्म कर दिया गया है, लेकिन उस शुल्क को शिक्षा एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में लगाएंगे।
शराब पर एक तरफ कोरोना टैक्स हटाया गया है तो दूसरी तरफ सरकार ने इस पर लगने वाले उपकर को कोरोना के बजाय शिक्षा और कृषि क्षेत्र के लिए वसूलना शुरू कर दिया है। यानी शराब पर कोरोना सेस हटाकर सरकार ने उसकी कीमत जितनी घटाई थी, उस पर उतना ही सेस एग्री एजुकेशन सेस जोड़ दिया है। यानी सेस हटाने और नया सेस जोडऩे से शराब की कीमत पर असर निल हो गया। हालांकि शराब के पैसे को पढ़ाई और कृषि में लगाने पर कई लोग चुटकी भी ले रहे हैं।
राज्य सरकार का शराब पर लगा कोरोना टैक्स हटाने का निर्णय, लेकिन शराब प्रेमियों को नहीं मिलेगी कोई राहत




