1360 करोड़ रुपए की लागत से होगा कार्य, सीएम साय ने दी प्रदेशवासियों को बधाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित भालुमुड़ा से ओड़िसा के सारडेगा तक 37 किलोमीटर नई दोहरी रेल लाइन को केन्द्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। केन्द्रीय केबिनेट ने इसके लिए 1360 करोड़ रुपए की स्वीकृत किए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में 1360 करोड़ रुपए लागत की भालुमुड़ा-सारडेगा रेल परियोजना की मंजूरी मिलने पर छत्तीसगढ़वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मौजूदा रेल नेटवर्क का विस्तार होने के साथ ही बड़ी संख्या में प्रदेशवासियों की देश के अन्य क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का विकास होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के भालुमुड़ा से ओडिसा के सारडेगा तक 37 किलोमीटर नई दोहरी रेल लाइन परियोजना से 25 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा और 84 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी जो 3.4 करोड़ वृक्षों के रोपण के तुल्य है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। उन्होंने कहा कि नई रेल लाइन की स्वीकृति से छत्तीसगढ की देश के अन्य राज्यों से सीधी कनेक्टिविटी बनेगी, आवागमन में सुधार होगा तथा भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा संबंधी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
कुल तीन परियोजनाओं को मिली है मंजूरी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने बुधवार को रेल मंत्रालय की लगभग 6,456 करोड़ रुपए की कुल अनुमानित लागत वाली तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे 4 राज्यों के 7 जिलों में लागू की जाने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। इन परियोजनाओं से दूर-दराज़ के इलाकों को आपस में जोड़कर लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार लाने, मौजूदा लाइन क्षमता बढ़ाने और परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा जिससे तेजी से आर्थिक विकास होगा। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर बेहद जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा।

पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम
ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना तैयार किए जाने से संभव हुआ है और यह लोगों, वस्तुओं एवं सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे 4 राज्यों के 7 जिलों में लागू की जाने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों (नुआपाड़ा और पूर्वी सिंहभूम) को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी । नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी । मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी ।
सरदेगा-भालुमुड़ा नई डबल लाइन परियोजना का लाभ
इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में आदिवासी आबादी है । इन सीमावर्ती जिलों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध में अत्यंत प्रगाढ़ता हैं। इस रेल लाइन के निर्माण से आस-पास के गांवों के निवासियों को फायदा होगा । वर्तमान में सरदेगा से भालुमुड़ा के बीच कोई बस सेवा नहीं है, और यहाँ के निवासी 2 पहिया और 4 पहिया वाहनों पर निर्भर हैं। छत्तीसगढ़ में मौजूदा भालुमुड़ा के साथ ही दो नए स्टेशन थांगरघाट और धौरभांठा बनेंगे। यात्री ट्रेनों के लिए अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा निर्धारित होगी। इस रूट पर 6 प्रमुख पुल और 4 छोटे पुल सहित 20 रेल फ्लाईओवर और अंडरब्रिज होंगे। इस रूट पर बसुंधर, बरहाझारला और केलो नदी को पार किया जाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में 125.89 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित होगी।