नई दिल्ली (एजेंसी)। देश के कई हिस्सों में बीते दिन से ही बारिश का दौर चल रहा है। इससे लोगों को चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है। इस बीच खबर है कि देश के इलाकों में आने वाले दिनों में भी देश में बारिश का दौर जारी रहेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य भारत, दक्षिण भारत, पूर्व-भारत और उत्तर-पूर्व भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य, पूर्वी और पश्चिमी भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना है।
पूर्वी भारत में मई में लू चलने की संभावना
आईएमडी के मुताबिक, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मई में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इन इलाकों में कुछ दिन लू चलने का पूर्वानुमान भी है। आईएमडी ने बताया कि पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में रात में मौसम गर्म रह सकता है। दिन में तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है।

आईएमडी की मानें तो मई में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित देश के पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। इसके अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र, केरल, आंध्र प्रदेश और दक्षिण कर्नाटक के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।

मानसून के दौरान गर्मी के संकेत
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मई में बिहार, झारखंड, ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और तटीय गुजरात के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चल सकती है। उन्होंने मई में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मौजूद तटस्थ अल नीनो का प्रभाव रहने की संभावना जताई है। उन्होंने बतायसा कि मौसम संबंधी अधिकतर मॉडल मई से मानसून के दौरान क्षेत्र के गर्म होने का संकेत दे रहे हैं।
मानसूनी बारिश पर पड़ सकता है प्रभाव
बताया जा रहा है कि अल नीनो या भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के गर्म होने का भारत में मानसूनी बारिश पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा हिंद महासागर में समुद्र की सतह या हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) के तापमान जैसे अन्य कारक भी मौसम को प्रभावित करते हैं। महापात्र ने बताया कि हिंद महासागर में मौजूद तटस्थ आईओडी संबंधी हालात आगामी मौसम को लेकर अच्छे संकेत दे रहे हैं। ऐसी स्थितियां भारतीय मानसून के लिए अच्छी मानी जाती हैं और अल नीनो के प्रभाव को कम कर सकती हैं।