सुकमा. बस्तर संभाग के धुर नक्सल प्रभावित जिला सुकमा के घोर माओवाद प्रभावित क्षेत्र पोटकपल्ली में पहली बार घर में बिजली देखकर आदिवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बिजली देखकर आदिवासी झूमने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि पहली बार गांव में बिजली पहुंची है, यह सब यहां पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों के कारण संभव हो पाया है। इससे पहले हम लोग लोग अंधेरे के बीच रहने के लिए मजबूर थे। लेकिन अब अन्य गांव की तरह अब हमारा गांव बिजली के रोशनी से सराबोर हो गया है।
अंधकारमय जीवन जीन थे मजबूर
ग्राम पोटकपल्ली में नक्सलियों के हिंसात्मक कृत्यों के कारण बिजली की सुविधा नहीं पहुंच पाई थी। ग्रामीण अंधकारमय जीवन जीने के लिए मजबूर थे। जिला पुलिस ने समय-समय पर ग्राम पोटकपल्ली सहित आसपास के ग्रामीणों की लगातार बैठक ली। ग्रामीणों को नक्सली कृत्यों से अवगत कराकर ग्रामों के विकास में सहभागी बनने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही ग्रामीणों को नक्सलवाद से दूर रहने, गांव के विकासात्मक कार्यो में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया गया।

पुलिस का ख्ुाला है कैंप
जिला पुलिस के प्रयास से शुक्रवार को ग्राम पोटकपल्ली में 33 ग्रामीणों के घरों में विद्युतीकरण होने से ग्राम जगमगा उठा है। ग्रामीणों के चेहरे में वर्षों बाद घरों में बिजली की रोशनी की जगमगाहट से खुशी का माहौल है। बिजली पहुंचने से ग्रामीण ने शासन-प्रशासन का प्रशंसा कर रहे है। भविष्य में नक्सलवाद से दूर रहने के लिए संकल्पित हैं। ग्राम पोटकपल्ली में छ: माह पहले ही सुरक्षा कैम्प स्थापित किया गया है। कैम्प लगने के पश्चात् पोटकपल्ली के विकासात्मक कार्यों में तेजी आई है। भविष्य में भी ग्रामीणों तक अन्य सुविधाएं पहुंचाई जाएगी।
