बीजापुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से अपहृत एक राज्य सरकार के कर्मचारी लक्ष्मण परतागिरी (24) को नक्सलियों ने शनिवार को रिहा कर दिया। हालांकि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के एक कर्मचारी अजय रोशन लकड़ा (35) अब भी नक्सलियों की कैद में है। इस घटना के बाद अजय की पत्नी अर्पिता ने नक्सलियों से अपने पति को रिहा की गुहार लगाई है। अजय की खोज में अर्पिता जंगल में निकल गईं।
बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जिले के गोरना-मनकेली मार्ग पर गुरुवार को सर्वेक्षण के लिए गए सब-इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा (35) और कर्मचारी लक्ष्मण परतागिरी (24) लापता हो गए थे, बाद में दोनों का अपहरण होने की जानकारी मिली थी।
अर्पिता ने मीडिया के जरिए नक्सलियों से अपने पति को नुकसान न पहुंचाने की गुहार लगाई। साथ ही उन्हें जल्द से जल्द छोडऩे की भी मांग की। पुलिस ने इस मामले में सर्च ऑपरेशन चलाया है। लेकिन अर्पिता पति को ढूंढने के लिए जंगल निकल गईं।

क्या बोली पुलिस?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने परतागिरी को रिहा कर दिया है, वहीं लकड़ा अभी भी नक्सलियों के कब्जे में है। उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि नक्सली दोनों को गोरना गांव से करीब चार किलोमीटर दूर कन्हाईगुड़ा गांव से अपने साथ ले गए थे। शुक्रवार शाम को नक्सलियों ने परतागिरी को रिहा कर दिया।
पुलिस भी चला रही तलाशी अभियान
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परतागिरी सुरक्षित है। पुलिस ने लकड़ा की खोज शुरू कर दी है। बीजापुर जिला मुख्यालय से गोरना-मनकेली गांव के मध्य 15 किलोमीटर के हिस्से में सड़क का निर्माण किया जा रहा है।




