भिलाई। ढाई साल वाले मसले पर अब सीएम भूपेश बघेल के समर्थक आर-पार के मूड़ में आ गए हैं। शुक्रवार को अचानक जिस तरह से उन्होंने अपनी रायपुर वापसी रद्द की और अतिरिक्त विधायकों को दिल्ली बुला लिया, उसके बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि हाईकमान पर दबाव बनाने कोशिशें ते•ा की जा रही है। इससे पहले, विधायक बृहस्पत सिंह की अगुवाई में विधायकों का एक दल अचानक दिल्ली पहुंचा था। इस दल ने अपने स्तर पर वरिष्ठ नेताओं से मिलने की कई कोशिशें की, किन्तु कामयाबी हाथ नहीं आई। दरअसल, प्रदेश प्रभारी पीएल पूनिया के यूपी में होने, राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा के भी बाहर रहने की वजह से विधायकों का दौरा किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाया था। जानकारों के मुताबिक, राहुल गांधी के लौटते ही सीएम भूपेश बघेल भी दिल्ली रवाना हो सकते हैं।
जिस तरह से सीएम भूपेश बघेल के समर्थक विधायक दिल्ली में जुट रहे हैं, उसे शक्ति-प्रदर्शन पार्ट-2 का नाम दिया जा रहा है। दिल्ली में 10 विधायकों की मौजूदगी के बीच शुक्रवार को 13 और विधायक वहां पहुंच गए। इसके अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसके चलते छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। कांग्रेस विधायक ममता चंद्राकर, कुंवर सिंह निषाद, विनय भगत और लक्ष्मी ध्रुव शनिवार सुबह हवाई अड्डे पहुंचे। सभी ने कहा, वे निजी काम से दिल्ली जा रहे हैं। शुक्रवार शाम को चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव के साथ शिशुपाल शोरी, लालजीत सिंह राठिया, संतराम नेताम, राजमन बेंजाम, डॉ. केके ध्रुव, उत्तरी जांगड़े, किश्मतलाल नंद दिल्ली के लिए रवाना हुए। रायपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में मरवाही विधायक डॉ. केके ध्रुव ने स्वीकार किया कि उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। पर वे यह नहीं बता पाए कि उन्हें क्यों बुलाया गया है। रामकुमार यादव ने कहा, दिल्ली देश की राजधानी है। विधायकों को वहां ढेरों काम होते हैं। जानकारी के मुताबिक, चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे। शुक्रवार सुबह वह रायपुर लौटे और शाम को 7 अन्य विधायकों के साथ दिल्ली रवाना हो गए। विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, विधायक रेखचंद जैन, अनूप नाग, भुनेश्वर बघेल, चिंतामणि महाराज और चक्रधर सिदार जैसे कुछ और विधायक दिल्ली उडऩे की तैयारी में हैं। वहीं बृहस्पत सिंह, गुरुदयाल बंजारे, मोहित केरकेट्टा, डॉ. विनय जायसवाल, द्वारिकाधीश यादव, यूडी मिंज, पुरुषोत्तम कंवर, चंद्रदेव राय और प्रकाश नायक दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं।
सीएम बघेल जा सकते हैं दिल्ली!
इधर, संकेत मिल रहे हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के दिल्ली वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली जा सकते हैं। राहुल गांधी इस समय केरल के दौरे पर हैं। वहीं प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में मोर्चा संभाले हुए हैं। प्रियंका के यूपी में रहने की वजह से छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया खुद लखनऊ नहीं छोड़ पा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में जुट रहे कांग्रेस विधायकों के पास पर्यटन के अलावा कोई काम नहीं है।

फिर से शक्ति प्रदर्शन?
अब तक यही माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन दिल्ली में विधायकों की बढ़ती संख्या को एक बार फिर उनके शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे कयास लगने लगे हैं कि पार्टी में किसी स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा चल रही है। सितंबर महीने में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के दिल्ली में कैंप करने के बाद जब आलाकमान ने बघेल को बातचीत के लिए बुलाया था, तब भी सीएम समर्थक करीब 50 विधायक दिल्ली पहुंच गए थे।
केन्द्रीय नेता खामोश
कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की ओर से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई बयान नहीं आया। इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। हाल ही में सीएम बघेल ने कहा था कि विधायक घूमने-फिरने के लिए दिल्ली गए हैं। उन्होंने इसके राजनीतिक मायने नहीं निकालने की भी नसीहत दी थी। हालांकि, इससे पहले सिंहदेव ने जरूर कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का मामला कांग्रेस आलाकमान के पास है और इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं आया।
कड़े फैसलों में कितनी सच्चाई
कयासबाजियां बढऩे का एक कारण ऐसी खबरें भी हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व श्राद्ध खत्म होने के बाद कुछ कड़े फैसले ले सकता है। छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब और राजस्थान में भी पार्टी अंदरूनी संकट से जूझ रही है। इन फैसलों का संबंध छत्तीसगढ़ से है या नहीं, यह तो पता नहीं, लेकिन विधायकों की दिल्ली यात्रा से कुछ नए संकेत जरूर मिल रहे हैं। विधायक कुछ भी कहने से बच जरूर रहे हैं, पर उनकी चुप्पी के राजनीतिक मायने जरूर निकाले जा रहे हैं।
कोई नहीं मिला, विधायक निराश
राज्य में चल रहे सियासी घमासान के बीच आनन-फानन में दिल्ली गए विधायकों के हाथ निराशा ही लगी। राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, पीएल पुनिया आदि की दिल्ली में गैरमौजूदगी के बाद इन विधायकों ने पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलने का प्रयास किया, किन्तु उनकी किसी से भी मुलाकात नहीं हो पाई। नतीजतन हताश-निराश विधायकों ने वापस लौटने की तैयारी कर ली। इस बीच अचानक इन विधायकों की वापसी टल गई। संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इन विधायकों की कतिपय शीर्षस्थ नेताओं से मुलाकात हो सकती है।
मीडिया क्यों पीछे पड़ी है- भूपेश
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मची खींचतान और विधायकों के दिल्ली जाने का सिलसिला जारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मीडिया इसके पीछे क्यों पड़ी है। विधायक आते-जाते रहते हैं, कोई राजनीतिक घटनाक्रम हुई क्या? गए हैं तो आ जाएंगे। हर व्यक्ति स्वतंत्र है कोई आदमी आए-जाए जब कोई राजनीतिक घटनाक्रम हो तब जोड़ा जाना चाहिए। जब कोई घटना ही नहीं घट रही है तो उसे राजनीतिक चश्मे से क्यों देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव भवन में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण किया। बाद में वे वहां आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल हुए। यहां भारती बंधुओं ने बापू के प्रिय भजनों के साथ कबीर के पदों को पेश किया। राजीव भवन में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जा रही है। प्रार्थना सभा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम भी मौजूद थे।




