भुवनेश्वर (एजेंसी)। कोरोना महामारी के जिस दौर में तमाम लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने से हाथ खड़े कर ले रहे हैं, उसी दौर में एक दंपती ने संवेदनहीनता के खिलाफ मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे हर कोई सलाम कर रहा है। मानवता की मशाल को अबकी मधुस्मिता नामक महिला ने अपने पति के साथ मिलकर जलाया है। उड़ीसा के भुवनेश्वर में रहने वाली मधुस्मिता आजकल अपने पति के साथ मिलकर कोरोना से संक्रमित लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं। बड़ी बात यह है कि मधुस्मिता ने भुवनेश्वर में कोरोना से संक्रमित लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने में अपने पति की मदद करने के लिए कोलकाता के फोर्टिस अस्पताल में नर्सिंग की नौकरी तक छोड़ दी।
Odisha | Madhusmita Prusty quit nursing job at Kolkata's Fortis to help her husband in cremating COVID-infected & unclaimed bodies in Bhubaneswar
— ANI (@ANI) May 23, 2021
"Nursed patients for 9 yrs. Returned here in 2019 to assist my husband in performing abandoned bodies' last rites," she said (23.05) pic.twitter.com/DYHBB0nD6F
300 से अधिक कोविड संक्रमित शवों का किया अंतिम संस्कार
बता दें मधुस्मिता प्रुस्टी के पति एक ट्रस्ट चलाते हैं, जो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने का काम करता है। मधुस्मिता ने बताया कि नौ सालों तक मरीजों की देखभाल करने के बाद वह साल 2019 में अपने पति की मदद के लिए कोलकाता से भुवनेश्वर आ लौट आईं। उन्होंने कहा, ‘मैं भुवनेश्वर में ढाई साल के दौरान 500 शवों और पिछले साल 300 से अधिक कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी हूं। एक महिला होने के नाते, ऐसा करने के लिए मेरी आलोचना की गई, लेकिन मैंने अपने पति द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट के तहत काम करना जारी रखा।



