रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। ग्रामीणों में भी टीकाकरण को लेकर खासा उत्साह है। अनेक ग्राम पंचायतों में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को टीके के प्रथम डोज का शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के साथ साथ पहाड़ी कोरवा, बिरहोर जैसी अत्यंत पिछड़ी जन जातियों में भी टीकाकरण को लेकर जागरुकता देखी जा रही है। ग्रामीणों को कोविड-19 के विरूद्ध सुरक्षा कवच देने पंच-सरपंच समेत सभी पंचायत प्रतिनिधि और ग्रास रूट कार्यकर्ता पूरे समर्पण भाव से जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मितानिन, स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले सहित विभिन्न विभागों के फ्रंट लाइन वर्कस से सीधे रू-ब-रू होकर कोविड-19 महामारी की रोकथाम और टीकाकरण कार्य की समीक्षा कर रहे है।
वर्तमान में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पीडि़त है इससे गांव में रहने वाले लोग भी अछूते नहीं है। बात करे जब रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड की तो यहां लगभग एक हजार एक्टिव केस होने के बावजूद कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण के प्रथम डोज का लक्ष्य के विरूद्ध 154 ग्राम पंचायतों में शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। टीकाकरण को लेकर विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां को दूर करते हुए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लोगों को एकत्रित कर देर रात तक टीकाकरण का कार्य कर रहे हैं।
धरमजयगढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में बसे विशेष पिछड़ी जनजाति के पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर समुदाय में भी टीकाकरण को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। विकासखण्ड के कुम्हीचुआं खलबोरा, कीदा जैसे गांवों में निवास करने वाले बिरहोर समुदाय के लोगों ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिन के परामर्श से उत्साहित होकर टीकाकरण कराया साथ ही छापकछार, छुपीपहाड़, बरघाट जैसे अति कठितनम क्षेत्रों में निवास करने वाले पहाड़ी कोरवाओं में भी टीकाकरण को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
धरमजयगढ़ से 35 किलोमीटर दूर पहाड़ों के बीच एक छोटा सा गांव चाल्हा जहां सरपंच एवं सचिव के अथक परिश्रम एवं सकल्प से गांव के सभी 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया गया है। चाल्हा गांव आज अन्य गांवों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। प्रदेश के नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के टीकाकरण के कुल लक्ष्य का 76.84 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है वहीं जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रथम टीकाकरण शत प्रतिशत किया जा चुका है। इसमें अमरपुर, बगरार, बंसीताल, बरवासन, चर्चेडी, चिचगोहना, परासी सहित करीब 50 ग्राम पंचायतों ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है।
टीकाकरण अभियान के तहत महासमुंद जिले की 210 ग्राम पंचायतों में 45 वर्ष उम्र से अधिक 93.84 प्रतिशत लोगों को कोविड-19 से सुरक्षा हेतु वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है। जिले में कुल लक्षित 73 हजार 913 व्यक्तियों के विरूद्ध 69 हजार 359 लोगों को यह वैक्सीन लगायी जा चुकी है। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश के कांकेर जिले की 127 ग्राम पंचायतों में 45 से अधिक उम्र के शतप्रतिशत लोगों को टीकाकरण की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है। राजनांदगांव जिले में टीकाकरण अभियान के तहत 813 ग्राम पंचायतों में से 428 ग्राम पंचायतों में 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीकाकरण की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों को भी तेजी से सुरक्षा कवच…. अनेक ग्राम पंचायतों में 45 से अधिक आयु वर्ग को शतप्रतिशत दी गई पहली डोज




