नई दिल्ली (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव कराए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई थी। यही नहीं चुनावों के ऐलान के ठीक बाद आयोग पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि था बीजेपी के कहने पर ऐसा किया गया है। अब चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि आखिर 8 चरणों में पश्चिम बंगाल में क्यों चुनाव कराए जाएंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में आयोग के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि त्योहारों, सुरक्षा बलों के मूवमेंट, पोलिंग स्टेशनों की संख्या में इजाफा और कोरोना प्रोटोकॉल के चलते ऐसा किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने तारीखों का ऐलान करते हुए बताया था कि कानून-व्यवस्था समेत तमाम फैक्टर्स को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
सुनील अरोड़ा ने कहा था, ‘पश्चिम बंगाल में 2016 में भी 7 चरणों में विधानसभा के चुनाव हुए थे। लोकसभा इलेक्शन भी 7 चरणों में ही कराए गए थे। इसलिए 8 चरणों में वोटिंग होना कोई बड़ी बात नहीं है। हमें सिक्योरिटी फोर्सेज के मूवमेंट का भी ध्यान रखना है। चुनाव आयुक्त ने कहा था कि हमने राज्यों की स्थिति का ध्यान रखते हुए ही तमिलनाडु में खर्च के पर्यवेक्षक के तौर पर दो लोगों को भेजने का फैसला लिया है। वहीं पश्चिम बंगाल में दो पुलिस ऑब्जर्वर भेजे जाएंगे। बता दें कि चुनावों के ऐलान के ठीक बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला था। ममता बनर्जी ने कहा था कि आयोग ने तारीखों का ऐलान इस तरह से किया है, जिससे बीजेपी को फायदा हो।
ममता बनर्जी ने कहा था, ‘चुनाव आयोग का पूरा सम्मान करते हुए मैं यह कहना चाहती हूं कि आखिर पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में क्यों चुनाव कराए जा रहे हैं, जबकि अन्य कई राज्यों में एक ही राउंड में वोटिंग होनी है।Ó ममता बनर्जी के अलावा कुछ लेफ्ट पार्टियों ने भी 8 चरणों में मतदान को लेकर ऐतराज जताया था। यही नहीं वामपंथी दलों का कहना था कि चुनाव आयोग यह बताने में असफल रहा है कि इतने ज्यादा राउंड्स में वह वोटिंग क्यों कराएगा। ममता बनर्जी के इस ऐतराज पर बीजेपी ने भी हमला बोला है और बीते चुनावों में उनके आग्रह की याद दिलाते हुए कहा है कि खुद ममता ने कहा था कि ज्यादा चरणों में वोटिंग कराई जानी चाहिए।
बीजेपी के पूर्व महासचिव राहुल सिन्हा ने ममता पर हमला बोलते हुए कहा, ‘वह इसलिए विरोध कर रही हैं क्योंकि 8 चरणों में वोटिंग कराए जाने से शांति पूर्ण चुनाव होंगे। हमेशा से होने वाली हिंसा नहीं हो सकेगी। यदि वह अपने समर्थन को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं तो फिर 28 चरणों में भी चुनाव कराए जाएं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।