रायपुर। महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना का क्रियान्वयन प्रदेश में महिलाओं के साथ लिंग विभेद, असमानता को दूर करने, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत् सुधार लाने, आर्थिक स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण को बढ़ावा देने तथा परिवार में उनकी निर्णय लेने की भूमिका को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में योजना का क्रियान्वयन पारदर्शी तरीके से हो एवं पात्र महिला हितग्राही को ही योजना का लाभ प्राप्त हो, इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सतर्कता पूर्वक कार्य संपादित किया जा रहा है एवं ऐसे प्रकरण, जिसमें योजना का गलत तरीके से लाभ लेने के लिए फेक आवेदन किए गए है, उनकी जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल कठोर कार्यवाही की जा रही है।
सरकार की मंशा है कि पात्रता रखने वाली महतारियों को योजना का लाभ मिल सके, अतः सभी आवेदन करने वाले पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल किया गया है। योजना को लागू किए जाने हेतु विस्तृत प्रावधान किए गए है, जिसमें योजना अंतर्गत आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने हेतु ऑनलाईन साफ्टवेयर विकसित करते हुए प्रत्येक मैदानी अमलों को पृथक-पृथक आईडी व पासवर्ड प्रदान किया गया था। इसी क्रम में संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी आईडीव पासवर्ड प्रदान किया गया। योजना अंतर्गत हितग्राहियों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त किये जाने के उपरांत आवेदन पत्रों का इन्द्राज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी के द्वारा ऑनलाईन पोर्टल में किया जा कर संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण करते हुए दस्तावेज अपलोड किया गया।
अलग अलग स्तर पर होता है सत्यापन
साफ्टवेयर में दर्ज आवेदनों का प्रथम स्तर पर ग्राम समिति के माध्यम से सत्यापन तथा उसके उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किए जाने का प्रावधान रखा गया है तथा उसके उपरांत द्वितीय सत्यापन किए जाने का दायित्व संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक का निर्धारित किया गया था ताकि दो स्तर पर सत्यापन हो सके। सत्यापन उपरांत वार्ड व पंचायत स्तर पर गठित समिति के द्वारा अनंतिम सूची का प्रकाशन कर आंगनवाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत आदि सार्वजानिक जगह पर यह सूची चस्पा की गयी है तथा ग्रामीणों को यह अवसर दिया गया कि वे इस सूची में परीक्षण कर गलत आवेदन करने वाले विरूद्ध दावा आपत्ति कर सके।
12000 से अधिक गलत आवेदनो को निरस्त किया गया
प्राप्त दावा आपत्ति के निराकरण हेतु बाल विकास परियोजना स्तर पर गठित समिति के द्वारा निराकरण का प्रावधान रखा गया है एवं दावा आपत्ति प्राप्त किया जाकर लगभग 12000 से अधिक गलत आवेदनो को निरस्त किया गया। दावा आपत्ति का निराकरण उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाकर प्रकाशित किया गया। उपरोक्त प्रक्रियाओं के निर्धारण के उपरांत भी ऐसे फर्जी आवेदन प्राप्त न हो इस दृष्टि से लगातार इनके सत्यापन की कार्यवाही हेतु मैदानी अमलों को दिशा निर्देश दिये गये एवं लगभग 15 हजार गलत आवेदनों को चिन्हांकन करते हुए निरस्त किया गया।
50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत
अंतिम सूची में 70,26,352 आवेदको का भी राज्य स्तर से विभिन्न उपलब्ध डाटा से वेरीफाई किया गया है एवं आधार एंथेटिकेंशन के लिए न्प्क्।प् को प्रेषित कर आधार का सत्यापन कराया गया है। 50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत है। विभाग द्वारा समय-समय पर मैदानी स्तर पर सत्यापन, सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी खोजकर 15000 से अधिक गलत हितग्राहियों का चिन्हांकन कर, उन्हें लाभ सूची से बाहर कर दिया गया है। लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की सूची प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के आईडी पर परिलक्षित है। महतारी वंदन योजना से प्रदेश की महतारियों को बेहद लाभ प्राप्त हुआ है, जैसे महतारियों के द्वारा इस राशि का उपयोग बच्चों के एवं स्वयं के स्वास्थ्य पोषण पर व्यय, बचत करने तथा सुकन्या समृद्धि के खाते खोलकर बेटियो के नाम से जमा करने के, बच्चों की शिक्षा पर, अपनी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति पर एवं अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने जैसे महिला सशक्तिकरण के अनेक उदाहरण है।
योजना को लागू करते समय किए गए सुरक्षा के पर्याप्त उपाय
महतारी वंदन योजना को लागू करते समय सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए है। प्रक्रिया के आवेदन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम/वार्ड प्रभारी के स्तर पर प्राप्त करते हुए सारे दस्तावेज़ के साथ आवेदन ऑनलाईन पोर्टल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी के द्वारा भरा गया है। आवेदको के द्वारा स्वतः ऑनलाईन आवेदन का भी प्रावधान रखा गया था। विभाग द्वारा लगातार प्रत्येक स्तर पर हितग्राहियों के सत्यता की जानकारी ली जा रही है। समय-समय पर निर्देश जारी किए गए है। इसी के परिणाम स्वरूप मृत हितग्राहियों की जानकारी भी लिया जाकर उन्हें लाभ सूची से हटाया जा रहा है, अद्यतन स्थिति में 21 हजार से अधिक हितग्राहियों को मृत्यु हो जाने के कारण लाभ सूची से हटाया गया है। इस प्रकार विभाग द्वारा लगातार योजना को लागू किए जाने हेतु तत्परता से कार्यवाही जा रही है।