नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट में आज समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय न्यायाधीश की बेंच ने वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि अगर आप कई दशकों से घाटे में चल रहे हैं, तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर बकाया का भुगतान कैसे सुनिश्चित करेंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया राशि के मामले में अगली सुनवाई की तारीख 10 अगस्त तय की है। इससे पहले कोर्ट ने 18 जून को अपने फैसले में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को एक दशक की बैलेंस शीट देने को कहा था। वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, ‘हमने एक दशक की बैलेंस शीट और टैक्स विवरण दर्ज कर दिया है।
इसके अतिरिक्त एजीआर मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि, ‘यदि आप हमारे आदेशों का पालन नहीं करेंगे, तो हम आपके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे। जो भी गलत काम कर रहे हैं, उन्हें हम सीधे जेल भेज सकते हैं।
इतना है कंपनी का अब तक का कुल भुगतान
मालूम हो कि पिछले सप्ताह ही दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने एजीआर के सांविधिक बकाए को लेकर सरकार को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इस तरह कंपनी का अब तक का कुल भुगतान 7,854 करोड़ रुपये हो गया है।
वोडाफोन आइडिया ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी ने पहली तीन किश्तों में 6,854 करोड़ रुपये जमा किये थे। इसके बाद कंपनी ने कल (17 जुलाई 2020) को एजीआर बकाया राशि को लेकर दूरसंचार विभाग को अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया।
भारती एयरटेल पर कुल 44,000 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया पर 58,000 करोड़ रुपये का बकाया है। टेलीकॉम कंपनियां लगातार मांग कर रही हैं कि बकाया रकम बड़ी है इसलिए एक साथ चुकाने से उनके कारोबार पर असर पड़ेगा।




