नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सरकार अब पूरे देश में कोविड-19 रैपिड जांच को बढ़ाने जा रहा है। सरकार ट्रैक , ट्रेस और ट्रीट वाले फॉर्मूला का प्रयोग करते हुए जांच का दायर बढ़ाएगी, ताकि देश में इस वायरस के फैलाव पर रोक लगाई जा सके। अभी तक सरकार का मुख्य ध्यान मृत्यु दर को कम करने पर था, लेकिन मामलों में जिस तरह बढ़ोतरी हो रही है, उसे देखकर सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह देश में हर एक संक्रमित मरीज की पहचान करेगी। साथ ही यह सुनिश्चित करने जा रही है कि देश में कोई भी गंभीर मरीज इलाज से वंचित न रह जाए।
जांच के लिए, देशभर के राज्यों में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा बताए गए एंटीजन-आधारित रैपिट टेस्ट का प्रयोग किया जाएगा। विशेष रूप से इस टेस्ट का इस्तेमाल कंटेनमेंट जोन, हॉटस्पॉट और अस्पतालों में किया जाएगा। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 से हमारी लड़ाई में जांच करना हमारी आधारशिला रही और इसलिए परीक्षण को बढ़ाना कोविड-19 के सभी मामलों को ट्रैक, ट्रेस और ट्रीट करने के लिए अनिवार्य रूप से महत्वपूर्ण है। एंटीजन आधारित जांच की शुरुआत दिल्ली में की जाएगी, जहां पिछले कुछ सप्ताह से हर रोज औसतन 50 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी को काबू करने का एकमात्र तरीका बड़े पैमाने पर जांच करना है। सभी राज्यों को अपनी जांच क्षमता बढ़ानी चाहिए, क्योंकि जितना आप जांच करेंगे, उतनी ही संख्या में अधिक लोगों को सही समय पर इलाज किया जा सकेगा। आईसीएमआर के अधिकारी ने बताया कि राज्यों को एंटीजन आधारित परीक्षण करने की सलाह दी गई है क्योंकि यह बहुत कम समय में एक बड़ी आबादी को कवर करने में सक्षम होगा जो हमें त्वरित परिणाम देगा और तदनुसार रणनीतियों को संशोधित करेगा।
