जांच कार्यवाही हुई तो निपटेंगे कई बड़े सीनियर डॉक्टर्स
दुर्ग (डीएनएच)। जिला अस्पताल दुर्ग में व्याप्त अव्यवस्थाओं के नजारें और संबंधित समस्याएं समय-समय पर अखबार की सुर्खियों के माध्यम से सार्वजनिक होती आई है। इसके बावजूद अस्पताल की व्यवस्था कुछ दिनों के लिए सुधार तो दी जाती है परन्तु फिर वही अपने पुराने ढर्रे पर संचालित होती हुई नजर आती है। जिला अस्पताल में एक तरफ जहां चिकित्सा व्यवस्था को दुरूस्त करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा खासकर ओपीडी विभाग को इतना खासकर बनाया गया है कि छत्तीसगढ़ अन्य सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल भी बौने दिखाई दे रहें है। हालांकि जिला अस्पताल की सुंदरता को भव्य तो बना दिया गया है परन्तु अंदरूनी व्यस्थाएं आज भी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परम्परा को निभाती हुई दिखाई दे रही है। डॉक्टरों का समय पर न आना, टेस्ट विभाग में लंबी लाईनों के साथ अव्यवस्था को देखते हुए भी सुधार न करना, आवश्यक दवाईयों का समय पर न मिल पाना, वार्ड ब्वाय व नर्सों का मरीजों से प्रत्येक इलाज के एवज में नगद पैसों की मांग करना एैसी कई अव्यवस्थाएं है जो छत्तीसगढ़ सरकार के योजनाओं को ताक में रखकर खुलेआम हंसी उड़ाई जा रही है।
व्याप्त अव्यवस्थाओं के बारे में शिकायत जनप्रतिनिधियों के द्वारा समय-समय पर की जाती है परन्तु ढाक के तीन पात की तरह पुन: स्थिति वही नजर आती है पिछले कुछ वर्षो से जिला अस्पताल में दलालों का एक साम्राज्य संचालित हो रहा है जिसकी जानकारी संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर सीनियर डॉक्टरों तक को है इसके बावजूद दलाल के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की जा रही है। आज स्थिति यह है कि जिला अस्पताल दुर्ग पूर्ण रूप से दलालों के गिरफ्त में है?
जिला अस्पताल प्रबंधक के समक्ष कई सवाल।
दलाल कर रहें है छोटे बड़े खतरनाक बीमारियों का इलाज करवा देने का सौदा? हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित कई बड़े डॉक्टर दलाल के सम्पर्क में? अतिरिक्त मोटी रकम का लालच, पदस्थ डॉक्टरों को फर्ज से दोगलापन करने के लिए बना रहा है अमानुष? सिर्फ यही नहीं नगर सेना का जवान अपनी दलाली के माध्यम से फिट-अनफिट का सर्टिफिकेट भी ऊंची कीमत में बनवाकर देता है पदस्थ डॉक्टरों से? दलाल गजेन्द्र कुमार केसरी है जवान नगर सेना का? परन्तु प्रतिदिन सिविल डे्रस में करता है दलाली अस्पताल परिसर के भीतर? जिला अस्पताल के उच्च अधिकारियों और धन-पिशाच डॉक्टरों का संरक्षण व सहयोग, नगर सेना के जवान गजेन्द्र कुमार केसरी को, अस्पताल के भीतर दलाली करने की इतनी छूट है कि वह अवकाश के दिनों में भी परिसर के भीतर दलाली करते हुए देखा और पाया गया है? शायद यही वजह है कि जिलाधीश दुर्ग सहित संबंधित अधिकारियों के समक्ष लिखित शिकायत करने के बावजूद गजेन्द्र अब तक अपने विभागीय पद और अस्पताल परिसर में बेखौफ पदस्थ है? गजेन्द्र केसरी के शिकार सिर्फ गरीब वर्ग के मरीज ही नहीं अमीरजादे भी हैं जो सरकार के नि:शुल्क सेवा और अन्य योजनाओं को ताक में रखकर गजेन्द्र केसरी को पाल रहें हैं? अब पुलिस अधीक्षक दुर्ग, जिलाधीश दुर्ग, नगर सेना प्रमुख दुर्ग, स्वास्थ्य मंत्री (छग शासन) सहित मुुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ से लिखित शिकायत कर गजेन्द्र केसरी सहित दलाली का रूपया पचाने वाले धन-पिशाच डॉक्टरों को, अपदस्थ कर कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। निष्पक्ष कार्यवाही हुई तो गजेन्द्र केसरी सहित जांच की आग में कई सीनियर डॉक्टर जलेंगे? फिर इनका इलाज कहीं भी नहीं हो सकता। वहीं दलाली खा रहे डॉक्टरों की चल-अचल सम्पत्ति की भी जान होगी?
वर्षो से जमा है दलाल अस्पताल परिसर में
गजेन्द्र केसरी यू हीं अस्पताल के प्रबंधकों के बीच अपने दलाली के कारोबार को संचालित नहीं कर रहा है अपितु वह अपने दलाली के बलबूते पर अस्पताल के कई बड़े सीनियर डॉक्टरों को अपने कब्जे में लेकर उनसे गैर कानूनी कार्य करवा रहा है। एक तरफ जहां वह छोटे-बड़े सभी बीमारियों के एवज में मरीज और उसके परिजनों से अच्छी इलाज करवा देने का झूठा आश्वासन देकर उनसे हजारों रूपए की वसूली कर लेता है तो वहीं फिट-अनफिट का सर्टिफिकेट भी सीनियर डॉक्टरों से बनवाकर अपने दलाली जैसे गैर कानूनी कार्य को खुलेआम संचालित कर रहा है।
कई बार की जा चुकी है शिकायत?
गजेन्द्र केसरी के खिलाफ भुक्तभोगी मरीज के परिजनों और जिम्मेदार नागरिकों के द्वारा जिला प्रशासन के समक्ष कई बार लिखित शिकायत कर गजेन्द्र केसरी को पद से अपदस्थ करने और कड़ी कार्यवाही करते हुए अस्पताल परिसर से भगाने की मांग कई बार की जा चुकी है, परन्तु अपनी ऊंची पहुंच और पैसे के बलबूते पर हर जांच कार्यवाही से गजेन्द्र केसरी बाइज्जत बच जाता है जिसके चलते अब तक गजेन्द्र केसरी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है।
अस्पताल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को गजेन्द्र के दलाली के बारे में है जानकारी
गजेन्द्र केसरी की दलाली कोई चोरी छिपे संचालित नहीं हो रही है, खुलेआम बेखौफ होकर अपने दलाली के कारोबार को अस्पताल प्रबंधक के समक्ष वर्षो से संचालित किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधक का प्रत्येक छोटा बड़ा कर्मचारी और डॉक्टर गजेन्द्र केसरी के दलाली जैसे अवैध कार्य को अच्छी तरह से जानते है परन्तु इससे प्राप्त हो रही मोटी रकम के आवक को देखते हुए प्रबंधकों के द्वारा कोई कार्यवाही गजेन्द्र केसरी के खिलाफ नहीं की जा रही है।
जिला अस्पताल के भीतर एैसे कई गैरकानूनी कार्य पिछले कई वर्षो से संचालित हो रहें है जहां डिलीवरी वार्ड में नगद पैसों की मांग की जाती है वहीं पाइल्स, हार्निया, फिस्टुला, मोतियाबिंद, लकवा जैसे बीमारियों के इलाज के लिए भी नगद पैसों की मांग स्थानीय कर्मचारियों द्वारा की जाती है। कई बड़े डॉक्टर भी अपने फर्ज के प्रति गद्दारी करते हुए एैसे गैरकानूनी कार्य को संचालित करने में जरा भी नहीं हिचकते।




