भिलाई / स्व. बिंदेश्वरी बघेल शासकीय महाविद्यालय, कुम्हारी में 23अगस्त को महाविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) की त्रैमासिक बैठक उत्साहपूर्ण और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना से हुआ। तत्पश्चात समन्वयक श्रीमती श्वेता दवे ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता संवर्द्धन में IQAC की भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला।

इस अवसर पर समिति के सदस्यों में से सिद्धचलम लैबोरेटरी की वैज्ञानिक डॉ. संजू सिंह ने शोध एवं प्रयोगशाला गतिविधियों की जानकारी दी, वहीं नटराज कच्ची घानी की संस्थापक श्रीमती चांदनी सोनी ने उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में अपने प्रेरक अनुभव प्रस्तुत किए। पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा ने विशेषकर छात्राओं को शिक्षा के माध्यम से प्रगति के नए आयाम स्थापित करने और महाविद्यालय व कुम्हारी का नाम गौरवान्वित करने का संदेश दिया।

उच्च शिक्षा विभाग, रायपुर के प्रतिष्ठित अधिकारी एवं IQAC के प्रबंधक सदस्य डॉ. गोवर्धन यदु ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण और नवाचारपूर्ण शैक्षणिक वातावरण के निर्माण में IQAC की अनिवार्यता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने वर्तमान शैक्षणिक प्रणाली में इसकी भूमिका और महत्व को रेखांकित करते हुए आगामी योजनाओं, नवाचारों और रणनीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। साथ ही, उन्होंने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि उनके सक्रिय सहयोग और सहभागिता से ही महाविद्यालय के सतत विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) सोनिता सत्संगी ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा का विकास संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने गर्वपूर्वक उल्लेख किया कि महाविद्यालय के सकल नामांकन अनुपात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो संस्था के गुणवत्तापूर्ण प्रयासों और दूरदृष्टि का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण व्यक्तित्व निर्माण के माध्यम से उन्हें प्रदेश स्तर पर नई पहचान दिलाना है।
महाविद्यालय के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर स्मृति स्वरूप वृक्षारोपण किया गया इसके साथ ही‘क्रिएटिव कॉर्नर’ बनाया गया जो कि सभी के आकर्षण का केंद्र रहा और ‘गुणवत्ता दर्पण’ विवरणिका का औपचारिक विमोचन संपन्न हुआ।
बैठक के द्वितीय सत्र में डॉ. गोवर्धन यदु ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि बहु-विषयक दृष्टिकोण, कौशल विकास, डिजिटल शिक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए NEP 2020 का सफल क्रियान्वयन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिक्षा की गुणवत्ता, नवाचार और सतत सुधार का मार्ग प्रशस्त करता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मौसमी राय चौधरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन क्रमशः प्रथम सत्र में डॉ. आरती वर्मा और द्वितीय सत्र में सुश्री नेहा कुमारी ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पार्षद अश्विनी देशलहरे जी, महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थी, शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कर्मचारी, अभिभावक सदस्य और भूतपूर्व छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।