नई दिल्ली। 2008 मुंबई आतंकी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत ला दिया गया। अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ है। यहां से राणा को सीधे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) हेडक्वार्टर ले जाया गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण करवाने में गुरुवार को सफलता हासिल की। यह सफलता 2008 की तबाही के पीछे के मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कठघरे में लाने के लिए वर्षों के निरंतर और ठोस प्रयासों के बाद मिली। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के तहत राणा को अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा द्वारा प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो पाया।

एनआईए ने बताया कि कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की जिला अदालत ने 16 मई 2023 को उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके बाद राणा ने नौवीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी खारिज कर दिए गए। इसके बाद उन्होंने उत्प्रेषण रिट, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिन्हें भी अस्वीकार कर दिया गया। भारत द्वारा अंततः अमेरिकी सरकार से वांछित आतंकवादी के लिए आत्मसमर्पण वारंट प्राप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू की गई थी। यूएसडीओजे, यूएस स्काई मार्शल की सक्रिय सहायता से, एनआईए ने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी के साथ मिलकर काम किया, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने भी मामले को सफल निष्कर्ष तक ले जाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया।

राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के गुर्गों के साथ-साथ अन्य पाकिस्तान स्थित सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में विनाशकारी आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। घातक हमलों में कुल 166 लोग मारे गए और 238 से अधिक घायल हुए। एलईटी और एचयूजेआई दोनों को भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।