बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद निकायों में अध्यक्ष व महापौर के चुनाव के लिए अप्रत्यक्ष प्रणाली शुरू की गई। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद अब निकाय भी कांग्रेस के हाथ से निकलते जा रहे हैं। ताजा मामले में बिलासपुर जिले के तखतपुर नगर पालिका परिषद में भाजपा की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मतदान में नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास पर 10 के मुकाबले मात्र पांच पार्षदों ने ही विश्वास जताया है।
बता दें 12 फरवरी को भ्रष्टाचार और अराजकता के अलावा कमीशनखोरी के आरोप लगाकर भाजपा पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। मंगलवार को 15 सदस्यीय तखतपुर नगर पालिका के पार्षदों ने मतदान किया। मतदान के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा श्रीवास के समर्थन में कुल पांच मत पड़े। जबकि भाजपा के समर्थन में 10 मत पड़े।
भाजपा व कांग्रेस के 7-7 पार्षद चुने गए
साल 2019 में नगरी निकाय चुनाव के दौरान तखतपुर नगर पालिका का भी चुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बराबर यानी 7- 7 पार्षद जीतकर आए। इसके अलावा निर्दलीय पार्षद वंदना बाला सिंह भी पार्षद बनी। तत्कालीन समय कांग्रेस विधायक के प्रभाव में वंदना सिंह ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया। कांग्रेस की 8 पार्षदों की बहुमत के कारण निकाय में कांग्रेस का कब्जा हो गया और पुष्पा श्रीवास अध्यक्ष चुनी गई। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस पार्षद कैलाश देवांगन और सुनील आहूजा ने भाजपा में प्रवेश किया। इसके चलते कांग्रेस पार्टी अल्पमत में आ गई। भाजपा की सरकार बनने के बाद 12 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और मंगलवार को मतदान हुआ जिसमें पुष्पा श्रीवास को हार का सामना करना पड़ा। अविष्वास प्रस्ताव पास होने पर भाजपा में जश्न का माहौल है।