भोपाल । प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज विधानसभा में कहा कि किसानों की फसल क्षति अनुमान का गलत तरीके से सर्वे करने की परंपरा पुरानी है, इसे खत्म किया जाएगा। इसके लिए फसल नुकसान का दोबारा सर्वे कराया जाएगा।
उन्होंने विपक्षी सदस्यों को आश्वस्त किया कि सरकार की प्राथमिकता क्रषि क्षेत्र है, इसी से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। इसलिए किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रीवा जिले में फसल खराब होने की जानकारी मुझे नहीं है, फिर से सर्वे कराया जाएगा। इससे पहले मूल प्रश्कर्ता सदस्य पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा जिले में ख्रराब फसलों के सर्वे का मामला उठाते हुए सर्वे ठीक से नहीं करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसानों की धान की फसल 60 प्रतिशत तक खराब हुई है, लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया। उन्होंने धान का उचित मूल्य नहीं मिलने की बात भी कही। चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मैं खुद क्षेत्र में गया था कंडूआ रोग के कारण पूरे कपडे काले हो गए थे, किसानों को धान का उत्पादन नहीं मिला है, सही सर्वे नहीं होने से मुआवज नहीं मिला किसानों को मुआवजा दिया जाना चाह। जवाब में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि आरबीसी के प्रावधानों के तहत सर्वे किया गया है, सदस्य को कोई शंका है तो उसका समाधान कर दिया जाएगा। मंत्री के जवाबों से असंतुष्ठ संदस्यों ने इस पर सीएम से जवाब देने का आग्रह किया। इस पर सीएम ने कहा कि किसानों की फसल क्षति अनुमान का गलत तरीके से सर्वे करने की परंपरा पुरानी है, इसे खत्म किया जाएगा। इसके लिए फसल नुकसान का दोबारा सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को आश्वस्त किया कि सरकार की प्राथमिकता क्रषि क्षेत्र है, इसी से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। इसलिए किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रीवा जिले में फसल खराब होने की जानकारी मुझे नहीं है, फिर से सर्वे कराया जाएगा।