भिलाई। कब्ज हो या पेशाब की दिक्कत, ज्यादा जोर लगाना खतरनाक हो सकता है. 58 वर्षीय इस मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ. खैरागढ़ से आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल लाए गए इस मरीज में कई और जटिलताएं पैदा हो गई थीं जिसके कारण उसकी दो-दो सर्जरियां करनी पड़ी. रोगी को भी कई दिनों तक भयंकर पीड़ा के दौर से गुजरना पड़ा.
आरोग्यम के यूरोसर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि 50+ के पुरुष मरीजों में यह समस्या ज्यादा होती है. इसकी कई वजहें हो सकती हैं जिसकी जांच कर कोई यूरोलॉजिस्ट ही सही-सही कारणों को पहचान और उसका इलाज कर सकता है. दरअसल, इस मरीज की प्रोस्टेट ग्रंथी काफी बढ़ गई थी. इसकी वजह से मूत्रनली पर दबाव था. मूत्र विसर्जन नहीं होने के कारण पेशाब की थैली भर जाती थी और तेज दर्द होता था. पेशाब करने के लिए जब मरीज जोर लगाता तो पेट के अन्य अंग आसपास की दीवारों पर दबाव बनाने लगते. ऐसी में हर्निया होने की संभावना बढ़ जाती है.
रोगी की प्रोस्टेट ग्रंथि को निकालने के साथ ही हर्निया की भी सर्जरी कर दी गई. मूत्रनली पर दबाव कम होते ही पेशाब में होने वाली तकलीफ भी खत्म हो गई. मरीज अब पूरी तरह ठीक है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.