बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर अधूरे फुट ओवरब्रिज को लेकर रेलवे फटकार लगाई है। खतरनाक तरीके से पटरी पार करते स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकिन हाईकोर्ट ले स्वत: संज्ञान लेते हुए रेलवे को 48 घंटे में जवाब देने कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को निर्धारित की गई है।
बता दें बिलासपुर रेलवे स्टेशन में फुट ओवर ब्रिज का निर्माण अधूरा होने के कारण पटरियों के बीच से स्कूली बच्चों आना जाना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन के दूसरी ओर ढाई लाख से अधिक लोग रहते हैं। लाखों लोगों को स्टेशन के इस तरफ आने-जाने के लिए बनाया गया पुराना फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) सालों पहले टूट चुका है। रेलवे ने नया एफओबी बनाने का काम शुरू किया। लेकिन 4 साल बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। इस कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। कई बार ट्रेन खड़ी रहने पर डिब्बों के नीचे से भी बच्चे निकलने को मजबूर होते हैं। इस जगह पर मालगाडिय़ां आए दिन काफी देर खड़ी रहती है।
मीडिया की खबर पर लिया संज्ञान
खतरनाक तरीके से पटरी पार करते हुए बच्चों की फोटो और न्यूज मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे देखकर गंभीरता से लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई की। रेलवे की ओर से केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा उपस्थित हुए। चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि रेलवे के अफसर क्या कर रहे हैं? उन्हें यह पता नहीं है कि, कौन सा काम अधिक जरूरी है। इस तरह से हजारों बच्चों की जिंदगी रेल पटरी के भरोसे पर छोडऩा बेहद शर्मनाक है। हाईकोर्ट ने केंद्र शासन और रेलवे से साफ कहा कि आप इस एफओबी का क्या करेंगे और कैसे पूरा करेंगे, इस सबकी पूरी विस्तृत जानकारी 48 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करें।