रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल मास्टर स्ट्रोक चल सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे संविदाकर्मियों को सीएम 15 अगस्त को बड़ा तोहफा दे सकते हैं। नियमितीकरण की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे संविदाकर्मी को सरकार अब नियमित करने का फैसला लेने जा रही है। जिसको लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने दिशा तय कर ली है। दैनिक वेतनभोगी, संविदाकर्मी और अनियमित दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित करने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार, अंशकालीन और मानदेय में कार्यरत कर्मियों के के लिए भी विकल्प देने की तैयारी कर रही है। इन्हें किस तरह से लाभ दिया जाए उसके लिए लगातार मंथन चल रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले सरकार संविदाकर्मियों को नियमितीकरण की सौगात देकर बीजेपी को बैकफुट पर लाने की रणनीति बना रही है। बता दें कि हाल ही में संविदाकर्मियों के धरना स्थल में पहुंचे बीजेपी की नेताओं ने घोषणा की थी कि बीजेपी की सरकार बनते ही संविदाकर्मियों को नियमित किया जाएगा।
मांगी गई है जानकारी
छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी शासकीय विभागों को सर्कुलर भेजकर नए सिरे से संविदा कर्मी, दैनिक वेतन भोगियों और अनियमित दैनिक श्रमिकों की जानकारी मांगी है। यह जानकारी विभागों को 7 दिनों के अंदर सरकार को देनी है। माना जा रहा है कि यह जानकारी मंगाने का उद्देश्य यह है कि अब सरकार इन्हें सीधे नियमित करने वाली है। खास बात यह भी है कि साल 2004 से लेकर 2018 और 2019 से 2023 के बीच रखे गए कर्मचारियों का अलग-अलग ब्यौरा मांगा गया है।
कितने कर्मचारियों को हो सकता है फायदा
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 47 विभागों में अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या करीब 50 हजार 385 है। वहीं, संविदा और अन्य की संख्या 36 हजार 871 है। राज्य सरकार ने इन सभी कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है। सूत्रों की मानें 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्मचारियों के नियमति करने की घोषणा कर सकते हैं।
लंबे समय से हड़ताल पर हैं कर्मचारी
बता दें कि लंबे समय से छत्तीसगढ़ के संविदाकर्मी हड़ताल में हैं। सरकार, संविदाकर्मियों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम भी दे चुकी है लेकिन उसके बाद भी संविदाकर्मी आंदोलन में अड़े हुए हैं। आंदोलनकर्मियों की मांग हैं कि उन्हें नियमित किया जाए। संविदाकर्मियों का कहना है कि सरकार ने अपनी घोषणा पत्र में नियमित करने का वादा किया था जो कि अब तक पूरा नहीं हुआ है।