आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (“आईडीएफसी फर्स्ट बैंक” या “द बैंक”) के निदेशक मंडल द्वारा आईडीएफसी लिमिटेड के साथ आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एकीकरण की योजना को मंजूरी दे दी गई है। यह मंजूरी 03 जुलाई, 2023 को आयोजित आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड की बैठक में दी गई। आईडीएफसी लिमिटेड के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ एकीकरण के लिए शेयर विनिमय अनुपात ₹ 10/- के अंकित मूल्य के 155 इक्विटी शेयर्स होंगे। इनमें से प्रत्येक को आईडीएफसी लिमिटेड के ₹ 10/- अंकित मूल्य के प्रत्येक 100 इक्विटी शेयर्स के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का पूर्ण भुगतान किया जाएगा।
इस प्रस्तावित एकीकरण के परिणामस्वरूप, 31 मार्च, 2023 तक ऑडिट की गई वित्तीय गणना के अनुसार बैंक की प्रति शेयर स्टैंडअलोन बुक वैल्यू में 4.9% की वृद्धि होगी।
तर्क: यह एकीकरण आईडीएफसी एफएचसीएल, आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को एक इकाई में संघटित करके उनकी कॉर्पोरेट संरचना को सरल बनाएगा। इससे उपरोक्त सभी संस्थाओं के नियामक अनुपालन को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।
इस एकीकरण से प्राइवेट सेक्टर के अन्य बड़े बैंक्स के समान ही, बिना किसी प्रवर्तक हिस्सेदारी के विविध पब्लिक और इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स वाला इंस्टीट्यूशन स्थापित करने में मदद मिलेगी।
लागू कानून के तहत यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, बीएसई लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (सामूहिक रूप से, ‘स्टॉक एक्सचेंज’), अन्य वैधानिक एवं नियामक प्राधिकरण और संबंधित शेयरहोल्डर्स से अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त करने के अधीन है।
पृष्ठभूमि: सन् 1997 से एक प्रमुख, सफल इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग डोमेस्टिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (डीएफआई)- आईडीएफसी लिमिटेड को आरबीआई द्वारा अप्रैल 2014 में बैंक की स्थापना के लिए “सैद्धांतिक” मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद आईडीएफसी बैंक लिमिटेड स्थापित किया गया। बैंक द्वारा अक्टूबर 2015 में अपना परिचालन शुरू किया गया। आईडीएफसी लिमिटेड की ऋण संपत्ति और दायित्व आईडीएफसी बैंक को हस्तांतरित कर दिए गए। कैपिटल फर्स्ट लिमिटेड वर्ष 2012 से विकास, लाभ और संपत्ति की गुणवत्ता के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक सफल उपभोक्ता और एमएसएमई वित्तपोषण संस्थान बनने में सक्षम रहा।
18 दिसंबर, 2018 को आईडीएफसी बैंक और कैपिटल फर्स्ट का एकीकरण कर दिया गया और बाद में इसका नाम बदलकर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक कर दिया गया। 30 जून, 2023 तक, अपनी गैर-वित्तीय होल्डिंग कंपनी के माध्यम से आईडीएफसी लिमिटेड के पास आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की 39.93% शेयरधारिता है।
पूरे भारत में सुदृढ़ उपस्थिति के साथ आईडीएफसी फर्स्ट बैंक एक पूर्ण-सेवा वाला सार्वभौमिक बैंक है। विगत चार वर्षों में यह बैंक इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग से एक सार्वभौमिक बैंकिंग फ्रेंचाइज़ी के रूप में खुद को तब्दील करने में सफल रहा है। बैंक ने एक सुदृढ़ जमा फ्रैंचाइज़ी स्थापित की है, जो एकीकरण के बाद से 36% की 4 वर्ष की सीएजीआर से बढ़कर 31 मार्च, 2023 तक 136,812 करोड़ रुपए तक पहुँच गई है। बैंक ने दिसंबर 2018 में कैपिटल फर्स्ट के साथ एकीकरण के समय सीएएसए अनुपात को 8.6% से बढ़ाकर 49.77% (31 मार्च, 2023) कर दिया है। इतना ही नहीं, 31 मार्च, 2023 तक इसने 809 शाखाएँ और 925 एटीएम भी स्थापित किए हैं।
संपत्ति के संदर्भ में, बैंक के पास बैलेंस शीट के साथ 1,60,599 करोड़ रुपए की विविधीकृत ऋण पुस्तिका है, जिसका आकार 31 मार्च, 2023 तक 239,942 करोड़ रुपए है। बैंक ने 31 मार्च, 2023 तक 16.82% की सुदृढ़ पूँजी पर्याप्तता के साथ वित्त वर्ष 23 में 2,437 करोड़ रुपए का पीएटी दर्ज किया। बैंक का लक्ष्य निकट से मध्यम अवधि में अपनी बैलेंस शीट में 20-25% प्रति वर्ष की बढ़ोतरी करना है।
इस एकीकरण के बारे में बोलते हुए, श्री संजीब चौधरी, चेयरपर्सन, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, ने कहा, “यह बैंक और बैंक के सभी शेयरहोल्डर्स के साथ ही साथ आईडीएफसी लिमिटेड के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण समय है। इसके साथ हम आगामी वर्षों में अपनी दीर्घकालिक दृष्टि की दिशा में स्थायी शेयरहोल्डर मूल्य बनाने के लिए अपनी विकास यात्रा के अगले चरण की शुरुआत कर रहे हैं।”
एकीकरण के विषय में बात करते हुए, श्री वी. वैद्यनाथन, एमडी और सीईओ, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, ने कहा, “यह एकीकरण हमारे लिए गर्व का विषय है। हम आईडीएफसी लिमिटेड के सभी शेयरहोल्डर्स का आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के प्रत्यक्ष शेयरहोल्डर्स बनने के लिए स्वागत करते हैं। हमने अपने बैंक के लिए एक सुदृढ़ आधार तैयार किया है, जिसमें एक मजबूत जमा फ्रेंचाइज़ी, डिजिटल नवाचार, ग्राहक अनुकूल उत्पाद, सुदृढ़ पूँजी बफर, बढ़ती लाभप्रदता और उच्च कॉर्पोरेट प्रशासन शामिल है। हम मौजूदा और नए शेयरहोल्डर्स के सहयोग से भारत में एक विश्व स्तर का बैंक स्थापित करने के अपने दृष्टिकोण पर निरंतर रूप से आगे बढ़ने के लिए तत्पर हैं।”
वे आगे कहते हैं, “भारत में हमें विकास के लिए शानदार अवसर प्राप्त हैं, और हमने अपने व्यावसायिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता निर्मित की है। हम आने वाले वर्षों में गुणवत्ता के साथ मजबूत विकास की आशा करते हैं।”