भुवनेश्वर (एजेंसी)। रेलवे ने रविवार को ड्राइवर की गलती और सिस्टम में खराबी से एक तरह से इनकार किया और संकेत दिया कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के पीछे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में संभावित तोडफ़ोड़ और छेड़छाड़ हो सकती है। इस दुर्घटना में 275 लोगों की मौत हो गई। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है। वैष्णव ने देर रात कहा कि दोनों ट्रैक को बहाल कर दिया गया है। 51 घंटे के भीतर ट्रेन की आवाजाही सामान्य कर दी गई है। अभी से ट्रेन की आवाजाही शुरू हो गई है।
#WATCH | Balasore, Odisha: Train movement resumes in the affected section where the horrific #BalasoreTrainAccident happened that claimed 275 lives. Visuals from Bahanaga Railway station. pic.twitter.com/Onm0YqTTmZ
— ANI (@ANI) June 4, 2023
51 घंटे बाद ट्रैक शुरू, तीन गाडिय़ां निकालीं, भावुक वैष्णव के छलके आंसू
ओडिशा के बालासोर में दुर्घटना प्रभावित खंड से भीषण दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार को रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन रवाना हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मालगाड़ी को रवाना किया। इस दौरान कई मीडियाकर्मी और रेलवे अधिकारी भी वहां मौजूद रहे। कोयला ले जाने वाली मालगाड़ी विशाखपटनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए उसी पटरी से रवाना हुई और जहां शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना हुई थी। इसके बाद दो और गाडिय़ां निकाली गईं। मौके पर मौजूद वैष्णव ने बताया, रात में सात गाडिय़ां निकाली जाएंगी। इस दौरान, वैष्णव भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक गए। उन्होंने कहा, हर यात्री को घर पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, क्षतिग्रस्त डाउन लाइन पूरी तरह ठीक हो गई है। खंड से पहली ट्रेन रवाना हुई। डाउन लाइन बहाल होने के करीब दो घंटे बाद अप लाइन भी बहाल कर दी गई। दुर्घटना प्रभावित खंड की अप लाइन पर चलने वाली पहली ट्रेन खाली मालगाड़ी थी।

जिम्मेदार अपराधियों की कर ली गई पहचान
रेल मंत्री ने कहा कि दुर्घटना के मूल कारण और इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बालासोर जिले में दुर्घटनास्थल पर मीडिया से बातचीत में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वाइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण ऐसा हुआ। इसे फेल सेफ सिस्टम कहा जाता है, इसलिए इसका मतलब है कि अगर यह फेल भी हो जाता है तो भी सारे सिग्नल लाल हो जाएंगे और सभी ट्रेनों का परिचालन रुक जाएगा। मंत्री ने कहा कि सिग्नल प्रणाली में समस्या थी। ऐसा हो सकता है कि किसी ने केबल देखे बिना कुछ खुदाई की हो।
केवल जानबूझकर की जा सकती है इस तरह छेड़छाड़
रेलवे बोर्ड के परिचालन एवं कारोबार विकास की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि किसी भी मशीन के चलने से खराबी आने का खतरा रहता है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एआई-आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ इस तरह की छेड़छाड़ केवल जानबूझकर की जा सकती है। अधिकारी ने सिस्टम में किसी भी खराबी से इनकार किया।
हादसे की जांच पूरी, रिपोर्ट का इंतजार
मंत्री ने यह भी कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा, यह भीतर से या बाहर से छेड़छाड़ या तोडफ़ोड़ का मामला हो सकता है। हमने किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया है। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शुक्रवार शाम करीब सात बजे बालासोर के बहानागा बाजार स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 1,175 लोग घायल हो गए थे।
कोरोमंडल एक्सप्रेस के चालक को क्लीनचिट
अधिकारियों ने रविवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के ड्राइवर को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी कि उसे आगे बढऩे के लिए हरी झंडी मिल गई थी और वह तेज गति से गाड़ी नहीं चला रहा था। शुक्रवार को मिली प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस उस स्टेशन पर लूप लाइन में घुस गई थी, जिस पर लौह अयस्क से लदी एक मालगाड़ी खड़ी थी।




