अगर चलते-चलते आपका सिर घुमने लगता है या शारीरिक संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है तो ये वर्टिगो के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, कई लोगों को वर्टिगो के बारे में पता नहीं चलता और स्थिति गंभीर होने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें पता हों, ताकि वक्त रहते इसका इलाज किया जा सके। चलिए आज वर्टिगो के कारण, लक्षण और इलाज के उपाय जानते हैं।
वर्टिगो के लक्षण
वर्टिगो कोई बीमारी नहीं, बल्कि कई बीमारियों का लक्षण है। चक्कर आना, ठीक से सुनाई न देना, धुंधला दिखना, सिरदर्द और बोलने में परेशानी होना वर्टिगो के मुख्य लक्षणों में शामिल समस्याएं हैं। थकान महसूस करना, मतली और कान से जुड़ी परेशानी होना भी वर्टिगो के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको ये लक्षण दिखें तो इन्हें नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वर्टिगो होने के कारण
कान की समस्याएं और सिर में चोट लगना वर्टिगो का कारण बन सकती हैं। कई दवाएं भी इसे ट्रिगर कर सकती हैं। इससे आपके कान के कामकाज प्रभावित हो सकते हैं। वेस्टिबुलर तंत्रिका में सूजन या दबाव और कान में जलन या सूजन की वजह से भी वर्टिगो हो सकता है। रक्त वाहिका संबंधी रोग, शराब का अधिक सेवन, मल्टीपल स्क्लेरोसिस (ऑटोइम्यून बीमारी), कैंसर और माइग्रेन जैसी बीमारियां भी वर्टिगो का कारण बन सकती हैं।
वर्टिगो के लिए प्रभावी इलाज
वर्टिगो का इलाज स्थिति पर निर्भर करता है। इससे ग्रस्त लोगों को पेशेवर डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों और आयु के आधार पर वर्टिगो का इलाज कर सकते हैं। कुछ दवाएं भी इसके लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती हैं। अगर आपका वर्टिगो ब्रेन ट्यूमर या गर्दन की चोट के कारण है तो सर्जरी आवश्यक हो जाती है।
वर्टिगो से जुड़े भ्रम और उनकी सच्चाई
भ्रम- वर्टिगो चक्कर आने जैसा ही है सच्चाई- कई लोग मानते हैं कि वर्टिगो चक्कर आने जैसा ही है, जबकि ऐसा नहीं है। चक्कर आना और वर्टिगो अलग है। भ्रम- वर्टिगो केवल उन्हीं को होता है, जिन्हें ऊंचाई से डर लगता है सच्चाई- यह भी भ्रम है कि वर्टिगो केवल ऊंचाई से डरने वालों को होता है। ऊंचाई से डरने वाले लोग तनाव प्रतिक्रिया के रूप में वर्टिगो का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, दोनों स्थितियां अलग-अलग हैं।