22 दिसम्बर तक चलने वाले टीबी, कुष्ठ सघन जांच अभियान में लोगों को किया जा रहा जागरूक
जगदलपुर। टीबी (क्षय) रोग पर नियंत्रण तथा इससे बचाव के लिए जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। टीबी रोग से बचाव संबंधी संदेशों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के माध्यम से टीबी चैंपियन उन स्थानों तक भी पहुंच रहे हैं, जहां पहले टीबी के मरीज चिन्हित किए गए हैं। इसी प्रकार से जिले में 1 दिसंबर से 15 दिसंबर 2022 तक हुए सर्वे में जिले के कुल 9.17 लाख जनसंख्या की स्क्रीनिंग कर 3,808 संभावित टीबी एवं 2,572 कुष्ठ मरीजों को चिन्हाकित किया गया है।
सीएमएचओ डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन विशेषकर टीबी चैंपियन के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में टीबी रोग के लक्षण आने की स्थिति में बलगम की जांच कराने की सलाह दी जा रही है। तत्पश्चात चिन्हांकित मरीजों का मैदानी स्वास्थ्य अमला के द्वारा प्रारम्भिक वेरिफिकेशन कर टीबी एवं कुष्ठ केस को सत्यापित किया जा रहा है। बीते दिनों टीबी-कुष्ठ सर्वे के दौरान ग्राम देउर गांव में मितानिन के द्वारा एक लिम्फ नोड टीबी रोगी की पहचान की गई थी जिसका इलाज भी प्रारंभ किया जा चुका है। टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं है बल्कि समय पर रोग के लक्षणों की पहचान कर इलाज शुरू कराने से टीबी ग्रस्त की जिंदगी बचाई जा सकती है। इसीलिए क्षेत्र में टीबी ग्रस्त लोगों की लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीबी रोग से ग्रसित मरीज का उपचार सभी शासकीय चिकित्सालयों व स्वास्थ्य संस्थाओं में निशुल्क किया जाता है।
उन्होंने आगे बताया 1.85 लाख घरों में होने वाले सर्वे के दौरान जिलेवासियों से अपील है कि, सर्वे के दौरान टीबी-कुष्ठ के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। टीबी और कुष्ठ बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य तय किया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2023 तक इन रोगों से मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। जिले में जांच अभियान के दौरान राज्य स्तर से राज्य सलाहकार श्री सुबोध शर्मा के द्वारा बस्तर का दौरा किया गया। सर्वे अभियान को सफल बनाने के लिये डीएलओ,डीटीओ एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक के द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है।
जागरूकता के लिए हो रहे विविध उपाय- सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के प्रभावी संचालन में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला स्तर पर टीवी चैनलों, आकाशवाणी, एवं समाचार पत्रों के साथ ही समुदाय स्तर पर मास-स्क्रीनिंग, माइकिंग, बैनर पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं घर-घर टीबी एवं कुष्ठ रोगियों की खोज करने वाले दल , मितानिन द्वारा दीवार लेखन के माध्यम से अभियान के बारे में जानकारी के साथ ही लोगों को इन बीमारियों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।