रायपुर। तमिलनाडु के किसान भी छत्तीसगढ़ में किसानों को मिल रहे धान और गन्ना की कीमत से उत्साहित है। सुदुर दक्षिण के राज्य से आये इन किसानों ने छत्तीसगढ़ में किसानों को के हित में संचालित की जा रही योजनाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंनं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मुलाकात की उन किसानों ने छत्तीसगढ़ के किसान हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों की सराहना की और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयासों की तारीफ की। गौरतलब है कि तमिलनाडु राज्य से आए कावेरी फार्मर प्रोटेक्शन एसोशिएशन के किसानों का एक दल छत्तीसगढ़ के भ्रमण पर पहॅुचा है। इन किसानों ने धान खरीदी केन्द्र, मल्टीयूटीलिटी सेन्टर और गौठान का अवलोकन किया और उत्सूकता के साथ यहॉ काम करने वाले कर्मचारियों और किसानों से चर्चा कर जानकारी ली।
सुदूर दक्षिण के राज्य से आए इन किसानों ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मुलाकात के दौरान कहा कि तमिलनाडू से आए किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री से कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की सर्वाधिक कीमत दी जा रही है। यहा के धान उत्पादक किसानों को अन्य राज्यों की अपेक्षा देश में सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। उनके गृह राज्य तमिलनाडु में भी ऐसा लाभ नही मिल पा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के समान ही देश के सभी धान उत्पादक किसान को इसी प्रकार लाभ दिया जाना चाहिए। सुन्दर विमल नाथन ने कहा कि इसी तरह यहां गन्ना भी 4000 रूपए प्रति टन से अधिक की दर से खरीदी जा रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों को जो यह लाभ मिल रहा है वह गन्ना उत्पादक राज्यों में भी नही मिल पा रहा है। उन्होंनें कहा छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गॉधी किसान न्याय योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में कार्य कर रही है। इससे किसान भी समृद्ध हो रहे है। इसके लिए हम छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद देते है।
तमिलनडू के सुन्दर विमल नाथन और अन्य किसानों ने मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री को लाल केला और नारियल का पौधा भेंट किया। कृषि मंत्री ने भी किसानों का आत्मीयता से स्वागत किया और उनके राज्य में कृषि के क्षेत्र में दी जा रही सुविधाओं के बारे मे जानकारी ली और छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों के लिए संचालित किये जा रहे नवाचारी कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कृषि मंत्री ने तामिलनाडू में किए जा रहे लाल केला की खेती की भी किसानों से चर्चा कर जानकारी ली और कृषि विभाग के अधिकारियों को लाल केला की खेती की संभावनाओं के बारे में परीक्षण करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर.निषाद और कृषि विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।