कोंडागांव। जिले में मतांतरण को लेकर कई बार आक्रोश की स्थिति निर्मित हो चुकी है। खासकर तब जब कोई मतांतरित व्यक्ति की मौत हो जाती है तब शव दफनाने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होती आ रही है।
ग्राम मारंगपुरी में एक युवक की मौत के बाद शव को दफनाने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी किंतु प्रशासन की सूझबूझ से मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया तथा शव को गांव में दफनाने के बजाय केशकाल ले जाया गया। विश्रामपुरी थाना अंतर्गत ग्राम मारंगपुरी के युवक रोहित नेताम पिता मंगतू राम नेताम, 26वर्ष की बीमारी से 7 दिसंबर की सुबह 5 बजे मौत हो गई। युवक काफी समय से बीमार था जिसे प्रार्थना के द्वारा चमत्कारिक ढंग से ठीक करने की बात ईसाई मिशनरी के लोग कहते रहे। ग्रामीणों ने बताया कि जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती गई ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों प्रार्थना का दौर भी बढ़ाते रहे। अंधविश्वास में डूबे युवक एवं उनके परिवार को इलाज का अवसर ही नहीं दिया गया जिससे प्रार्थना के चलते चलते युवक ही की मौत हो गई। युवक की दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी तथा वह मिर्गी की बीमारी से भी पीडि़त था। युवक की मौत के पश्चात उसे गांव में ही दफनाने के लिए बैठक हुई तो ग्रामीणों ने इसका पुरजोर विरोध किया ग्रामीणों का कहना है कि यहां हिंदू अथवा आदिवासियों की रीति रिवाज से ही शव को दफनाया जाता है। यहां ईसाई मिशनरी के रिवाज से शव दफनाने नहीं दिया जाएगा। इस स्थिति को भांपते हुए तहसीलदार एस के भोई एवं बांसकोट के चौकी प्रभारी विवेक सेंगर ने ग्रामीणों एवं ईसाई मिशनरियों के बीच बैठकर मामले को सुलझाया। तत्पश्चात 7 दिसंबर को ही मृत व्यक्ति के शव को केशकाल ले जाया गया तथा शांतिपूर्ण तरीके से दफनाया गया।

बता दें कि इसके पूर्व जिले के धनोरा, तितरवंड एवं राहटीपारा बालेंगा में भी मतांतरित व्यक्तियों की मौत को लेकर काफी आक्रोश देखा गया था। जहां तनाव कि स्थिति निर्मित हुई थी तथा ले देकर मामले को शांत कराया गया था। इस स्थिति को भांपते हुए प्रशासन के द्वारा सूझबूझ से निर्णय लिया गया।

बीमारी के चलते एक व्यक्ति की मौत हुई थी जिसे ग्रामीणों ने मतांतरित होने के चलते गांव में दफनाने के लिए जगह देने से इंकार कर दिया तत्पश्चात दोनों पक्षों को बिठाकर सुलह किया गया तथा शव को केशकाल ले जाया गया मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया
-चौकी प्रभारी बास्कोट विवेक सेंगर