आयुष्मान खुराना और जयदीप अहलावत की फिल्म एन एक्शन हीरो 2 दिसंबर को पर्दे पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म का निर्माण भूषण कुमार की टी-सीरीज और आनंद एल राय की यलो कलर्स ने किया है। इसका निर्देशन अनिरुद्ध अय्यर ने किया है। पहली बार आयुष्मान सोशल ड्रामा फिल्मों से हटकर बॉलीवुड की मसाला एंटरटेनर फिल्म में नजर आए हैं। आइए, जानते हैं कैसी है आयुष्मान की यह एक्शन फिल्म।
मानव (आयुष्मान) एक एक्शन हीरो है। हरियाणा में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान मानव की एक लोकल नेता भूरा (जयदीप) के भाई से झड़प हो जाती है, जिसमें गलती से वह मर जाता है। बचने के लिए मानव लंदन भाग जाता है। भाई का बदला लेने के लिए भूरा भी उसके पीछे-पीछे पहुंच जाता है। मानव के पीछे न सिर्फ भूरा बल्कि इंग्लैंड की पुलिस और अंडरवर्ल्ड भी पड़ी है। इन तीनों के बीच चलती है चूहे-बिल्ली की दौड़।

आयुष्मान पहली बार सोशल ड्रामा फिल्मों से हटकर एक एक्शन फिल्म कर रहे हैं। बावजूद इसके वह इस किरदार में सहज नजर आए। जिंदा रहने के लिए लड़ते और दुनिया से छिपते एक सुपरस्टार के रूप में उन्होंने बेहतरीन प्रस्तुति दी है। जयदीप अहलावत एक जाट नेता के किरदार में ढल गए। उनका अभिनय दर्शकों को डराता भी है और हंसाता भी। अपने किरदार के लिए उनका अभिनय दर्शकों से सहानुभूति भी लेने में कामयाब रहा।

निर्देशक के तौर पर यह अनिरुद्ध की पहली फिल्म है। इससे पहले उन्होंने जीरो, तनु वेड्स मनु जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया है। निर्देशक ने इस फिल्म की लय कहीं भी टूटने नहीं दी। सस्पेंस और ट्विस्ट के बीच फिल्म में जगह-जगह कॉमेडी और कटाक्ष फिल्म को मनोरंजक बनाए रखते हैं। फिल्म दर्शकों को गलती से हुए खून से लेकर एक अंडरवर्ल्ड डॉन की हत्या तक बड़े दिलचस्प तरीके से पहुंचा देती है।
फिल्म की कहानी रोचक है। दो शख्स एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं, लेकिन दोनों में से न तो कोई हीरो है न कोई विलेन। दोनों के लडऩे की अपनी-अपनी वाजिब वजह है। फिल्म में एक फिल्मस्टार के ग्लैमर और कहानी में सस्पेंस का बेहतरीन मिश्रण है। इस मिश्रण को और रोचक बनाता है फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर। वहीं फिल्म के गाने एक्शन के साथ हीरो के इमोशन को बाहर लाने में अच्छी भूमिका निभाते हैं।
फिल्म में अक्षय कुमार ने कैमियो किया है। मानव अक्षय से मिलता है और मर्डर के बारे में सबकुछ बता देता है। इसके बाद फिल्म में अक्षय का किरदार कहीं नजर नहीं आता। ऐसे में यह कैमियो फिजूल लगता है। फिल्म में 90ह्य का एक्शन देखने को मिलता है। फाइट, शीशे तोडऩा, छतों से छलांग लगाना आदि। हालांकि, द एक्शन हीरो में कई जगह एक्शन का ओवरडोज फिल्म को कमजोर बनाता है।