भिलाई। बच्चा चोरी के शक में बढ़ते पिटाई के मामलों ने पुलिस के नाक में दम कर रखा है। एसपी से लेकर अन्य अफसरों की अपील के बाद भी इस तरह की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। अब इससे निपटने के लिए पुलिस ने नया तरीका निकाला है। रविवार को अलग अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस की टीम ने गांवों में चौपाल लगाई और लोगों को समझाइश देते हुए चेतावनी भी दी। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कोई भी संदिग्ध दिखे तो पुलिस को सूचना दें कानून हाथ में न लें। यदि बच्चा चोरी के शक में पिटाई का मामला सामने आता है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें दुर्ग जिले में बच्चा चोरी के शक में पिटाई के तीन मामले सामने आ चुके हैं। खुर्सीपार में बच्चा चोरी के आरोप में पांच महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद यह मुद्दा उछला। 5 अक्टूबर को चरोदा बस्ती में राजस्थान अलवर के तीन साधुओं की पिटाई कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ़्तार किया था। इसके बाद 6 अक्टूबर को मचांदुर चौकी क्षेत्र के ग्राम खोपली में मानसिक रोगी की पिटाई कर दी गई। इस मामले में तीन आरोपी पकड़े गए। अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि दुर्ग के गंजपारा में शनिवार की रात को दो फेरीवाले व उसकी साले की पिटाई कर दी गई।
एसपी के निर्देश पर लगी गांवों में चौपाल
पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉक्टर अभिषेक पल्लव के निर्देश पर ज़िले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें अभी के समय में लगातार चल रही अफवाहों से बचने के लिए लोगों को जागरूक कराया गया। जिसमें बच्चा चोरी की अफ़वाह से बचने के लिए गांव-गांव में पुलिस चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया गया l इस दौरान लोगों से अफवाहों के संबंध में किसी भी प्रकार का संदेह होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करने के लिए निर्देश दिया गया है। लोगों को कहा गया है कि यदि गांव में कोई अनजान व्यक्ति आता है या किसी भी प्रकार का कोई संदेह है तो तत्काल पुलिस को या Dial 112 पर काल करें। किसी के साथ मारपीट ना करें l बच्चा चोरी की अफ़वाह सोशल मीडिया या अन्य तरीक़ों से यदि कोई फैलता है तो संबंधित के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान यह भी कहा गया कि संदिग्ध व्यक्ति पर स्वयं व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से हिंसा की जाती है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।





