सोनीपत (एजेंसी)। कफ सिरप लेने के बाद अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है। इस मामले को सोनीपत की एक दवा निर्माता कंपनी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ के औषधि नियंत्रक विभाग की टीमें गुरुवार को कुंडली स्थित कंपनी में पहुंची और जांच शुरू की।

एक सप्ताह में तीसरी बार छापा मारा गया। दवा निर्माता कंपनी से संबंधित दवाओं के पांच सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं। वहीं जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी में उत्पादन, विक्रय व निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया गया है। संबंधित कंपनी से कच्चे माल की खरीद, निर्माण में लगे केमिस्ट की योग्यता और दवा निर्यात की रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं कंपनी के रिकार्ड को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। कार्रवाई का निर्देशन ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा कर रहे हैं, जबकि टीम का नेतृत्व डीएलओ राकेश दहिया कर रहे हैं।

बच्चों के गुर्दे हो रहे फेल
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गांबिया देश में सामने आया कि दवा पीने वाले बच्चों के गुर्दों में गहरे घाव बन रहे थे। घाव होने और रक्तस्राव होने से बच्चों के गुर्दे फेल हो रहे थे। बच्चों की मौत गुर्दों के काम नहीं करने से हो रही थी। जांच में यह भी बताया गया कि गुर्दों पर उक्त प्रभाव कफ सिरप को पीने से ही हो रहा था। प्रारंभिक जांच में भारत के चार कफ सिरप चार कफ सिरप प्रोमेथाजोन ओरल सोल्यूशन, कोपिक्समेलिन बेबी कफ सिरप, मैकोफ बेबी कफ सिरप और मैगरिप कोल्ड सिरप की पहचान की गई थी।

डब्ल्यूएचओ ने चार दवाओं को बताया था जानलेवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की चार दवाओं को जानलेवा घोषित किया है। यह कफ सिरप प्रोमेथाजोन ओरल सोल्यूशन, कोपिक्समेलिन बेबी कफ सिरप, मैकोफ बेबी कफ सिरप और मैगरिप कोल्ड सिरप यह चारों दवाएं बच्चों की खांसी से संबंधित हैं। इन चारों का निर्यात किया जाता है। पिछले दिनों कई देशों में कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की हालत बिगडऩे लगी थी। उनमें से कई बच्चों की मौत हो गई थी। अकेले अफ्रीकी देश गांबिया में ही 66 बच्चों की मौत की जानकारी मिल रही है। इसकी शिकायत डब्लूयूएचओ के माध्यम से भारत सरकार से की गई थी।
जिन चार कंपनियों का नाम आया उनमें से एक सोनीपत के कुंडली में स्थित है। मेडेन फार्मा नाम की कंपनी का कफ सिरप निर्यात किया जा रहा था। सूचना मिलते ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में अधिकारियों की टीम बनाकर कंपनी पर छापा मारा। कंपनी से एक अक्तूबर, तीन अक्तूबर और छह अक्तूबर को छापा मार कर संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए गए। अभी तक पांच सैंपल जांच को भेजे जा चुके हैं।
मामला केंद्र सरकार के अधीन: मनोहर लाल
इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र स्तर पर ही कार्रवाई होती है, राज्य सरकार इसमें दखल नहीं देती। केंद्र सरकार की तरफ से अगर कोई आदेश आएंगे तो नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। दिल्ली, सोनीपत और चंडीगढ़ की टीमों ने कुंडली की दवा फैक्टरी पर छापा मारा है। हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा की अगुवाई में टीमों ने सैंपल लिए हैं। अभी जांच चल रही है।