-दीपक रंजन दास
युवा देश भारत में युवाओं की अच्छी खासी संख्या है. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में साइकिल रैली निकाली जा रही है. भिलाई में हृदय एवं राष्ट्र के लिए भी एक दौड़ का आयोजन किया गया. यह आयोजन सुरप्रीत चोपड़ा हार्ट फाउंडेशन का था. इसमें दौड़, पैदल चाल और साइकिल की सवारी के विकल्प दिये गये थे. साइकिल चलाना, पैदल चलना, जॉगिंग करना और दौडऩा एक जैसी कसरतें हैं. इनमें शारीरिक श्रम का उपयोग होता है. सुबह-सुबह इसका फायदा दो गुना हो जाता है जब हवा में धूल के कण न्यूनतम होते हैं. सुबह की ठंडक का भी अपना अलग ही आनंद है. आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी? पिछले कुछ समय से देश के शीर्ष अस्पतालों के चिकित्सक अचंभित हैं. हृदय और किडनी रोगों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 13-14 साल के किशोरों को हृदयाघात हो रहा है. वहीं किडनी फेलियर के लगभग आधे मरीजों की उम्र 30 साल से कम है. यह भारत के लिए एक सदमे की तरह है. कहां तो युवा आबादी वाला युवा देश छलांगें लगाकर विकास की दौड़ में सबसे आगे निकल जाता और कहां वो अस्पतालों में लाइन लगाए खड़े हैं. लगभग 140 करोड़ की आबादी वाला भारत चाहे भी तो अमेरिका जैसी चिकित्सा अधोसंरचना सबके लिए उपलब्ध नहीं करा सकता. चिकित्सा खर्च को न्यूनतम रखने की जिम्मेदारी अलग है. निजी और सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं भी इस खाई को पाट नहीं पा रही हैं. खान-पान का सत्यानाश तो हुआ ही है, स्वस्थ रहने का फंडा भी बदल गया है. लोग रातों-रात वजन कम कर लेना चाहते हैं. वे एसयूवी में सवार होकर हाई-फाई जिम पहुंचते हैं. वहां जाकर खड़ी साइकिल चलाते हैं, पीटी करते हैं, पट्टे पर दौड़ते हैं. खाना-पीना छोड़कर हेल्थ सप्लिमेंट और एनर्जी ड्रिंक पर पल रहे हैं. इनके पीछे का कारपोरेट कल्चर और षडयंत्र उन्हें दिखाई तक नहीं देता, समझना तो बहुत दूर की बात है. कारपोरेट जगत हर साल नए युवाओं की भर्ती करता ही इसलिए है कि घोड़े ताजा हों जिन्हें रेस में खूब दौड़ाया जा सके. 15-20 साल में वह इन्हें वह चबाकर, चूसकर थूक देता है. इस रेस में 20-25 साल तक टिके रहने के लिए हेल्थ सप्लीमेंट और एनर्जी ड्रिंक की जरूरत पड़ती है. पर इसका जबरदस्त साइड इफेक्ट भी है. शरीर जब थकता तो विश्राम मांगता है. विश्राम भी उतना ही जरूरी है जितना की कसरत करना. आप खाएं-पिएं कुछ भी, अगर विश्राम नहीं करते तो शरीर अपनी मरम्मत नहीं कर पाता. हेल्थ ड्रिंक और एनर्डी ड्रिंक थके हुए शरीर को फिर से काम पर लगा देते हैं. शरीर अपनी मरम्मत नहीं कर पाता और एक दिन गंभीर रूप से बीमार हो जाता है. बेहतर हो कि 2-4 किलोमीटर तक पैदल ही जाएं. जिम का एक चक्कर साइकिल पर लगा आएं. आप सलमान खान तो नहीं बनेंगे पर सेहत टनाटन रहेगी.
गुस्ताखी माफ: अमृत महोत्सव, गांधी जयंती और स्वास्थ्य




