रायपुर. कांग्रेस की चुनौती को स्वीकार कर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने राजनांदगांव से पैदल यात्रा कर रायपुर तक का सफर तय किया। भाजपा के दोनों कार्यकर्ता सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के सिविल लाइन स्थित बंगले पहुंचे। इस दौरान शहर भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी सहित भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। इसके पहले राजधानी के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजनांदगांव से पैदल पहुंचे दोनों कार्यकर्ताओं का स्वागत कर टाटीबंध से पैदल यात्रा शुरू की और मोहन मरकाम के बंगले तक पहुंचे। जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका छाछ पिलाकर स्वागत किया। थोड़ी ही देर में ज्ञापन सौंपने को लेकर स्वागत सत्कार हंगामें में बदल गया। दरअसल भाजपा कार्यकर्ता मरकाम को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। वहां मौजूद कांग्रेसियों ने बताया कि मरकाम यहां नहीं है वे उन्हें ज्ञापन सौंप दे। इस बात से भाजपाई नाराज हो गए और थोड़े ही देर में मोहन मरकाम के बंगले पर जमकर हंगामा शुरू हो गया। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया।
सुंदरानी ने कहा लापता हो गए मरकाम
भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा, चुनौती दिलाने वाले मरकाम हमारी युवा शक्ति का स्वाभिमान देखने की हिम्मत नहीं रखते इसलिए लापता हो गए। कार्यकर्ताओं ने राजनांदगांव से मरकाम के घर तक पदयात्रा करके कांग्रेस की चुनौती पूरी कर दी है। कांग्रेस के नेता अब भाजपा को चुनौती देने से पहले 100 बार सोच लें।
52 किमी. पदयात्रा की दी थी चुनौती
इस दौरान रायपुर शहर जिला के जिला महामंत्री रमेश सिंह ठाकुर, संजय तिवारी, अकबर अली, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष गोविंदा गुप्ता, अर्पित सूर्यवंशी, रविन्द्र सिंह ठाकुर, हंसराज विश्वकर्मा, रंजीत सिंह, पार्षद रजियंत ध्रुव, मृत्युंजय दुबे, असगर अली, संभव शाह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला द्वारा भाजपा को चुनौती दी थी कि भाजपा के किसी भी नेता में हिम्मत नहीं है कि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम की एक दिन में 52 किमी. पद यात्रा कर सकें।
कांग्रेस ने की निंदा
कांग्रेस ने भाजपा के इस रुख की निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निवास पर भाजपाइयो का जाना राजनीतिक अभद्रता है। मोहन मरकाम इन दिनों कोंडागांव से दंतेश्वरी मंदिर तक पदयात्रा कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को भी इसमें शामिल होने का न्यौता दिया है। अरुण साव तो पदयात्रा में शामिल होने का साहस नहीं दिखा पाए लेकिन अपनी खीझ मिटाने उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को उनके घर भेज दिया। यह राजनीतिक प्रोपगंडा मात्र है।