भिलाई. पहली बार दुर्ग रेंज की बैठक लेने पहुंचे छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी अशोक जुनेजा ने गुरुवार को साढ़े चार घंटे की मैराथन बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने जहां बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के साथ ही बेसिक पुलिसिंग और लॉ एंड आर्डर के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था पर चर्चा की। वही उन्होंने सबसे ज्यादा दुर्ग पुलिस की भी क्लास ली। बैठक में आते ही उन्होंने 9 घंटे जाम रहे नेशनल हाईवे के मामले मेंजवाब तलब किया। उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई और कहा कि किसी भी घटना के होने के बाद तत्काल रिस्पांस क्यों नहीं दिया जाता। घटनास्थल पर पहुंच में एक दूसरे का इंतजार क्यों करते हैं ? उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले में लगातार लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनने से पुलिस की इमेज खराब हो रही है। बैठक में उन्होंने सीएसपी से भी सुपरविजन डायरी से लेकर रोजनामके तक मंगवा डाले। डीजी अशोक जुनेजा ने कहा कि रोड सेफ्टी को लेकर विशेष योजना बनाई गई है। इसे सबसे पहले दुर्ग रेंज में लागू किया जाएगा। इस मौके पर आईजी नक्सल ऑपरेशन ओपी पाल, आईजी गुप्त वार्ता आनंद छाबड़ा, आईजी सीआईडी डॉक्टर संजीव शुक्ला एवं आईजी दुर्ग रेंज बद्रीनारायण मीणा सहित 7 जिले के पुलिस अधीक्षक एवं राजपत्रित अधिकारी मौजूद थे।
ट्रैफिक से लेकर चिटफंड तक चर्चा
बैठक में डीजीपी जुनेजा ने जिलेवार कानून व्यवस्था की समीक्षा की जिसमें खासकर दुर्ग जिला की समीक्षा में उन्हें सबसे ज्यादा वक्त लगा यहां पर ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर लॉ एंड ऑर्डर, बढ़ते अपराधों और के चिट फंड जैसे मामलों पर भी बात की। उन्होंने सबसे ज्यादा फोकस रोड़ सेफ्टी पर रखा। डीजी जुनेजा ने कहा कि रो़ड सेफ्टी पर मुख्यमंत्री बघेल ने विशेष निर्देश दिए हैं। उसी को लेकर जल्द ही एक नई योजना बनाई गई है। जिसे सबसे पहले दुर्ग रेंज में लागू किया जाएगा।
दूसरे दौर में एसपी की बैठक
डीजीपी अशोक जुनेजा ने करीब 6:30 बजे के बाद दूसरे दौर की बैठक शुरू की जिसमें 7 जिले के पुलिस अधीक्षक शामिल थे। इस बैठक में खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में कानून व्यवस्था और बेसिक पुलिसिंग को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव से अलग हुए दो नए जिलों में आईटीबीपी के कैंप नए तरीके से लगाए जाएंगे। ताकि एंटी नक्लस ऑपरेशन बेहतर ढंग से चल सकें।