भिलाई। सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र सदैव ही स्वच्छता और हरियाली के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसके साथ ही बीएसपी एक जीवंत भविष्य के लिए पर्यावरण की रक्षा और संसाधनों को बचाने के लिए सतत पहल की है। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। बीएसपी अपने स्थापना काल से ही पर्यावरण की बहाली और पर्यावरण संरक्षण को समृद्धि करने की दिशा में निरन्तर प्रगति की है। बीएसपी ने अपने विस्तार के प्रत्येक चरण में हरित प्रौद्योगिकियों पर भारी निवेश किया है। बीएसपी ने तकनीकी उन्नयन के परिणामस्वरूप ऊर्जा में कमी, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, अन्य गैसीय और जल प्रदूषकों में कमी, ठोस अपशिष्ट उपयोग में वृद्धि, बेहतर हाउसकीपिंग आदि प्राप्त करने में कामयाब हुआ है। अब जीरो लिक्विड वेस्ट डिस्चार्ज कंपनी के रूप में बीएसपी, दुनिया के उन गिने-चुने उद्योगों की सूची में शामिल हो गई है जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियों के परिणामस्वरूप अपनी परिचालन क्षमता में सुधार के अलावा, बीएसपी ने संयंत्र, टाउनशिप और इसकी कैप्टिव माइंस के अंदर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रमों के माध्यम से अपने परिवेश को हरित बनाने में लगा हुआ है। इस दिशा में अब तक 55 लाख से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। बीएसपी द्वारा प्रदूषण में कमी, संसाधन संरक्षण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण और पर्यावरण जागरूकता के लिए कई पहल की गई हैं। प्लांट, टाउनशिप और खानों में जैव-विविधता के संरक्षण के लिए, बीएसपी ने स्थापना के समय से ही बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया है। छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के सहयोग से अब तक 55 लाख से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। संयंत्र के अंदर 30 एकड़ में 15 उद्यान और 125 वनस्पति किस्मों के 25000 पौधों के साथ 3 नर्सरी हैं।
जल सरंक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
किसी संस्था के किसी भी पर्यावरण-बहाली और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में जल संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने जल संरक्षण की दिशा में जीरो डिस्चार्ज के साथ ही कई अन्य प्रयासों को अंजाम दिया है। वर्ष 2020-21 में केवल 2.76 मीटर क्यूब प्रति टीसीएस की विशिष्ट जल खपत के साथ, बीएसपी ने पहले ही वैश्विक मानकों को प्राप्त कर लिया है और अगले 3 वर्षों में 2.35 मीटर क्यूब प्रति टीसीएस के पानी की खपत के लक्ष्य प्राप्त करने की योजना बनायी है। टाउनशिप के दस सेक्टरों से एकत्र किए गए सीवेज के पानी के उपचार के लिए 30 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) चालू किया गया था। बीएसपी ने वर्षों से प्लांट और टाउनशिप के अंदर वर्षा जल के संरक्षण के लिए कई पहल की हैं जैसे कि वर्तमान में प्लेट मिल और मशीन शॉप-2 क्षेत्र की छतों से वर्षा जल संचयन किया जा रहा है।
खदान क्षेत्रों का किया जा रहा जीर्णोद्धार
भिलाई इस्पात संयंत्र के खनन विभाग द्वारा खदान क्षेत्रों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। अक्षय ऊर्जा के महत्व को समझते हुए बीएसपी ने हरित ऊर्जा का उपयोग करने की दिशा में राष्ट्रीय अभियान में भागीदार कर रहा है। जिसके तहत भिलाई निवास पर सोलर ऊर्जा पावर प्लांट लगाने के साथ ही स्ट्रीट लाइटिंग में एलईडी लाइट का प्रयोग कर बीएसपी ने लाखों रूपए बचाये हंै। बीएसपी के स्कूलों में कार्यरत 48 इको-क्लब यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्र पूरे वर्ष पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता निर्माण गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हों। भिलाई न केवल संयंत्र में बल्कि इसके टाउनशिप में भी एक हरा-भरा शहर बन गया है तितलियों की 40 से अधिक प्रजातियों, पक्षियों की 80 से अधिक प्रजातियों, भृंगों की 80 से अधिक प्रजातियों और पेड़ों की 112 से अधिक प्रजातियों का घर है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए संयंत्र के भीतर भी बेहतर कार्य
प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोक ओवन, एसपी-2, एसपी-3, आरएमपी-2 आदि इकाइयों में मौजूदा स्टैक उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली के प्रतिस्थापन व उन्नयन कर वातावरण में समग्र प्रदूषण भार को कम करने में कामयाब हुआ है। वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए नई योजनाओं में स्टैक उत्सर्जन के नियंत्रण के लिए कई उपाय किये गये है जिनमें सिंटर प्लांट-2 में ईएसपी द्वारा मल्टी-साइक्लोन (वेट स्क्रबर) का प्रतिस्थापन, वर्क-जोन/फ्यूजिटिव एमिशन कंट्रोल के लिए एसपी-2 में ईएसपी आधारित डी-डस्टिंग सिस्टम, ब्लास्ट फर्नेस-7 में कार्य-क्षेत्र उत्सर्जन आदि के नियंत्रण के लिए कास्ट हाउस डी-फ्यूमिंग सिस्टम शामिल हैं। एसपी-3 में सिंटर कूलर वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम, कास्ट हाउस स्लैग ग्रेनुलेशन सिस्टम, कोल डस्ट इंजेक्शन सिस्टम और टॉप गैस रिकवरी सिस्टम के साथ-साथ ब्लास्ट फर्नेस-8 में 14 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाई का उपयोग किया जा रहा है। एसएमएस-3 में एलडी गैस की 100 प्रतिशत रिकवरी की जाती है।