नईदिल्ली। एक तरफ पूर देश में हैदराबाद में हुए रेपकांड की गूंज सुनाई दे रही है वहीं 7 साल पहले हुई घटना एक बार फिर लोगों के जहन में आ गई है। ये घटना दिल्ली में दिसंबर 2012 में घटित हुई। चलती बस के अंदर मेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के बाद अब निर्भया के दोषियों के पास कानूनी विकल्प बहुत कम रह गए हैं। इनकी फांसी करीब है। लेकिन तिहाड़ प्रशासन को कुछ और ही चिंता सता रही है।
सूत्रों का कहना है कि 1 महीने में फांसी की तारीख आ सकती है, इसलिए जेल प्रशासन इसके इंतजाम को लेकर चिंतित हैं। तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन फांसी देने के लिए जरूरी विकल्पों पर काम कर रहा है। अगले एक महीने में कभी भी फांसी की तारीख आ सकती है। दोषियों को कोर्ट द्वारा ब्लैक वॉरंट जारी किए जाने के बाद किसी भी दिन फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। राष्ट्रपति अगर निर्भया के दोषियों की दया याचिका खारिज कर देते हैं तो वॉरंट जारी किया जाएगा, जिसके बाद फांसी की तारीख तय होगी।
सूत्रों के मुताबिक एक समय में जेल के ही एक कर्मचारी ने फंदा खींचने के लिए सहमति दे दी थी। सूत्र ने कहा, इस समस्या से निपटने के लिए तिहाड़ के अधिकारियों ने दूसरी जेलों से संपर्क करने की कोशिश की है कि क्या उनके पास जल्लाद है। वे उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में पूछताछ कर रहे हैं जहां से पूर्व के जल्लाद तालुल्लक रखते थे।
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