भिलाई। नगर पालिक निगम रिसाली के महापौर आरक्षण के बाद प्रत्याशी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। ओबीसी महिला होने के बाद जो एक नाम तेजी से सामने आया है वह गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की बहु व प्रदेश कांग्रेस महामंत्री जितेन्द्र साहू की पत्नी सरीता साहू का है। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा हो या रिसाली नगर निगम क्षेत्र कांग्रेस कार्यकर्ता सभी रिसाली निगम की पहली महापौर के रूप में सरीता साहू को ही देख रहे हैं। इस बीच श्रीकंचनपथ के संवाददाता ने महापौर पद की प्रबल दावेदार श्रीमती सरीता साहू विशेष चर्चा की। चर्चा के दौरान सरीता साहू ने अपने राजनीतिक अनुभव सहित कई बातों को साझा किया।
महापौर आरक्षण के बाद दावेदारी को लेकर पूछे गए सवाल पर श्रीमती सरीता साहू ने सादगी भरा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार शुरू से ही राजनीतिक व सामाजिक गतिविधियों में जुड़ा रहा है। रिसाली नगर निगम बनाने में पापा जी (ताम्रध्वज साहू) ने बहुत मेहनत की। 20 सालों से वे सोचते रहे कि रिसाली क्षेत्र बड़ा होने व भिलाई निगम में होने से इसका वैसा विकास नहीं हो रहा। इसे ध्यान में रखते हुए जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने अपने प्रयासों से रिसाली निगम का रास्ता साफ किया। यदि पापाजी (मंत्री जी) की मंशा रही व पार्टी नेतृत्व मुझे यह जिम्मेदारी देता है तो उसे पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेंगे।
शादी के बाद सीखा राजनीति का कखहरा
राजनीतिक जीवन को लेकर श्रीमती सरीता साहू का कहना है कि शादी के बाद उन्होंने राजनीति का कखहरा सीखा। विधानसभा व लोकसभा चुनाव के बारें में जाना। सरीता साहू ने बताया कि उनके पिता बीएसपी कर्मी थे और उनका पूरा परिवार मॉडल टाउन नेहरू नगर में निवास करता है। शुरुआती शिक्षा सेक्टर-8 बीएसपी हायर सेकेण्डरी स्कूल में पूरी हुई। इसके बाद कल्याण कॉलेज से बीए में स्नातक किया। 1998 में पापाजी पहली बार धमधा विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने और वहां से सामाजिक क्षेत्र में रुझान बढ़ा।
लोकसभा चुनाव के दौरान मिला राजनीति का पै्रक्टिकल नॉलेज
सरीता साहू बताती हैं कि राजनीति का प्रक्टिकल नॉलेज लोकसभा चुनाव के दौरान मिला। उस दौरान पापाजी के चुनाव प्रचार के लिए महिला विंग के साथ पूरे लोकसभा क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान लोगों से संपर्क बढ़ा और सामाजिक हिस्सेदारी भी बढ़ी। पापाजी के चुनाव जीतने के बाद माहौल बदला और जब छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए और पापा जी मंत्री बने तो जिम्मेदारियां और बढ़ गई। रिसाली निगम के गठन के बाद यहां विकास का क्रम भी तेज हो गया जिसके कारण सामाजिक कार्यों में भागीदारी बढ़ गई। भिलाई क्लब से जुडऩे का मौका मिला और सामाजिक संस्था प्रयास के जरिए ब्लड डोनेशन कैंप आदि कर रहे हैं। इससे पहले दुर्ग ग्रामीण कांग्रेस में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी मिली थी।
परिवार में पापाजी आदर्श, परिस्थियों के अनुसार चलेंगे
वर्तमान परिस्थति में परिवार व सामाजिक जीवन को लेकर पूछे गए सवाल पर सरीता साहू का कहना है कि अभी तो रिसाली निगम के महापौर का आरक्षण हुआ। दावेदारों में कोई भी हो सकता है लेकिन मुझे यह जिम्मेदारी मिलती है तो परिवार व सामाजिक जिम्मेदारी को सामंजस्य बैठाते हुए पूरा करना है। मंजिल की ओर चलते जाएंगे तो रास्ते अपने आप बनते जाएंगे। जैसी परिस्थितियां होंगी उसके अनुसार ढलते जाएंगे। अंत में सरीता साहू ने कहा कि मंत्रीजी की मंशानुसार रिसाली निगम का गठन हुआ है। गठन के बाद रिसाली निगम क्षेत्र में विकास कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि महापौर भी कांग्रेस का बनेगा जिससे सरकार के साथ विकास कार्य होंगे। रही बात मेरे महापौर बनने की तो मंत्री जी व पार्टी यह निर्णय लेंगे तो ही संभव होगा। यदि पार्टी किसी अन्य ओबीसी महिला को महापौर प्रत्याशी बनाती है तो उसका पूरा साथ देना है। रिसाली निगम की सभी 40 सीटें कांग्रेस पार्टी जीतेगी।
कार्यकर्ता भी चाहते हैं सरीता साहू बने महापौर
नगर पालिक निगम रिसाली के कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि निगम में महापौर सरीता साहू बने। इसे लेकर कार्यकर्ताओं का कहना है कि रिसाली क्षेत्र में सरीता साहू से उपयुक्त कोई भी नाम नहीं है। कांग्रेस पार्टी का बड़ा नाम व चेहरा होने के कारण सरीता साहू सही मायनों में महापौर की उम्मीदवार है और इनके नाम घोषणा होती है तो पूरे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में हर्ष का माहौल रहेगा।
बधाई देने वालों का लगा रहा तांता
रिसाली निगम के महापौर आरक्षण के बाद एक तरह से श्रीमती सरीता साहू के महापौर बनने का रास्ता खुल गया है। क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इसे लेकर हर्ष का माहौल है। सरीता साहू को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कांग्रेस कार्यकर्ता अभी से सरीता साहू को भावी महापौर के रूप में देख रहे हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं।
जितेन्द्र साहू ने कहा महिला शक्ति को मिला सम्मान
महापौर आरक्षण के बाद प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री जितेन्द्र साहू ने कहा कि यह गर्व की बात है कि रिसाली निगम की पहली महापौर महिला होगी। यहां महिला शक्ति को सम्मान मिला है। महापौर प्रत्याशी को लेकर अंतिम निर्णय पार्टी को करना है। जिसे भी यह जिम्मेदारी मिलेगी कांग्रेस पार्टी उसका सम्मान करेगी और विकास के लिए सभी साथ मिलकर चलेंगे। श्रीमती सरीता साहू की दावेदारी पर जितेन्द्र साहू का कहना है कि वे हमेशा सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी रही हैं और लगातार क्षेत्र के विकास कार्यों में भागीदारी निभा रही हैं। महापौर प्रत्याशी के तौर पर यदि प्रदेश कांग्रेस पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी देती है तो हम सभी उनका साथ देंगे।