बिलासपुर। नगर पालिक निगम बिलासपुर में वार्ड पार्षद कि टिकिट के लिए कांग्रेस में धमासान मचा है तारबहार क्षेत्र के एक नेता का वार्ड छोड़ दे तो किसी भी वार्ड में सिंगल नाम नहीं है टिकिट के बटवारे में कांग्रेस कि सबसे बड़ी समस्या सामान्य शिट को लेकर है शुत्रो कि माने तो अल्पसंख्यक वर्ग से 12 प्रत्याशी टिकिट कि मांग कर रहे है जिसमे से 8 का टिकिट का तय है ऐसे में सामान्य वर्ग कि 23 टिकिट से 8 टिकिट तो अल्पसंख्यक वर्ग कि हो जाएगी तब सामान्य वर्ग के लिए मात्र 15 स्थान ही बचेंगे इसी में से कुछ महिलाओं को भी टिकिट जाएगी तब केवल 12 सीटो पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार भाग्य आजमाएंगे सूत्रों कि माने तो एक वर्ग विशेष के नेताओ को प्रत्याशी बनाने से मतदाताओं के बीच अच्छे संकेत नही जाते कुछ लोग तो यहाँ तक दावा कर रहे है कि ब्राह्मण वर्ग से केवल 2 लोगो को ही टिकिट मिलने कि संभावना है यदि यह बात सच हुई तो कांग्रेस कि यह रणनीति कि महापौर कांग्रेस का बनेगा धरी कि धरी रह जाएगी वर्ष 2003 के बाद का निगम चुनाव जिन्होंने वे यह बखूबी जानते है कि एक अल्पसंख्यक वर्ग से महापौर पद का प्रत्याशी उतारने का कितना खामियाजा कांग्रेस ने उठाया था अभी तक कांग्रेस के जो बड़े नाम टिकिट का दावा कर रहे है उनमे विजय केशरवानी अध्यक्ष जिला ग्रामीण,नरेंद्र बोलर अध्यक्ष शहर कांग्रेस,राजेश पांडे पुर्व महापौर, शेख गफ्फार,विजय पांडे,बशंत शर्मा, रामचरण यादव, पंकज सिंह, रविन्द्र सिंह, नजरुद्दीन छोटे,तजमुल हक, शहजादी कुरैशी,सैयद निहाल, जैसे नाम प्रमुख है ये सब निगम, के राजनीती के पुराने खीलाडी है वही दूसरी ओर मो.जससांस,सुधांशु मिश्रा जैसे नए नाम भी है जो कांग्रेस सरकार बनने के बाद निगम चुनाव को आसान समझ रहे है सर्वाधिक कठिन स्थिति नए वार्ड कि है जहाँ पर पुर्व सरपंच स्वयं या अपने रिश्तेदार को पार्षद का टिकिट दिलाना चाहते है ऐसे में साधारण कार्यकर्ता हतोत्साहित है क्योकि उसकी पकड़ न तो ऊपर है न ही उसे वरिष्ट नेता सहयोग कर रहे है क्योकि वरिष्ट नेता तो स्वयं ही टिकिट के लिए जदोजहद कर रहे है।
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