एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में इसरो
श्रीहरिकोटा। देश का ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी47) बुधवार सुबह 9.28 बजे काटरेसैट-3 और 13 वाणिज्यिक छोटे उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान करेगा और इसके लिए मंगलवार सुबह 7.28 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई। इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार से छोड़ा जाएगा। भारत के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) रॉकेट से 14 उपग्रहों को सिर्फ 27 मिनट में अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो अपने पीएसएलवी-एक्सएल वेरिएंट के साथ 14 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा।
इसरो द्वारा किए गए एक ट्वीट के अनुसार, पीएसएलवी-सी47 एक्सएल कन्फीगरेशन में पीएसएलवी की यह 21वीं उड़ान होगी। यह श्रीहरिकोटा स्थित एसडीएससी शार से 74वां प्रक्षेपण यान मिशन होगा।
काटरेसैट-3 उपग्रह उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें लेने की क्षमता से लैस तीसरी पीढ़ी का उन्नत उपग्रह है। यह 509 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित कक्षा में 97.5 डिग्री पर स्थापित होगा। उपग्रह शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि उपयोग और अन्य की मांगों की पूर्ति के लिए तस्वीरें ले सकेगा।
भारतीय अंतरिक्ष विभाग के न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ हुए एक समझौते के तहत पीएसएलवी अपने साथ अमेरिका के 13 वाणिज्यिक छोटे उपग्रहों को भी लेकर जाएगा। अमेरिका इस काम के लिए इसरो की नई वाणिज्यिक शाखा- न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड को भुगतान करेगा।
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