भिलाई। इस बार की होली खास होगी। लोग जमकर रंग और गुलाल खेलने की तैयारी कर रहे हैं। हो भी क्यों न। गुजरे दो साल से कोरोना की वजह से लोग खुलकर होली नहीं खेल पा रहे थे। कोविड के डर लोगों को सता रहा था। मौजूदा समय में कोविड का प्रकोप काफी कम हो गया है। फिर भी डॉक्टरों ने होली में एहतियात के साथ रंग खेलने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। लिहाजा सावधानी जरूर बरतें।
डॉक्टरों के मुताबिक होली अपने जानने वालों के साथ ही खेलें। यदि कोई सर्दी-खांसी या बुखार से पीडि़त हैं। तो उससे दूरी बनाकर रहें। मरीज खुद को आईसोलेट कर रखें। उन्होंने बताया कि होली पर पहले के मुकाबले कोरोना का ज्यादा असर नहीं है। इसके बाद भी लोग कोविड नियमों का पालन करें। मास्क लगाएं। ज्यादा भीड़ में जाने से बचें। यदि टीका अब तक नहीं लगवाया है तो लगवा लें। इससे काफी हद तक कोविड के गंभीर लक्षणों से खुद को बचा सकते हैं।

बुजुर्ग, सांस के रोगी संभल कर रहे
डॉक्टरों के मुताबिक बुजुर्ग व सांस के मरीज बाहर निकलने से बचें। रंग के छोटे-छोटे कंडों से संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। हर्बल अबीर-गुलाल से ही होली खेलें। गीले रंग के इस्तेमाल से बचें। मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में सांस के मरीज दवाएं डॉक्टर की सलाह पर लेते रहें। इनहेलर भी न छोड़े।

रंग खेलने से पहले त्वचा पर लगाएं तेल
रंग खेलने से पहले शरीर और बालों में तेल लगाएं। ऐसा करने से रंग त्वचा पर चिपकेगा नहीं। त्वचा पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। बच्चे मना करने के बाद भी गीले रंग से होली खेलते हैं। ऐसे में बच्चों को वॉटर प्रुफ संसक्रीम लगाना जरूरी है। रंग खेलने से पहले बच्चों के बाल बांध दें। उनके नाखून काट दें। प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलें। रंग खेलने के बाद किसी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टर की सलाह लें।