दुर्ग। शिक्षक व संस्कृति कर्मी राम कुमार वर्मा द्वारा जमीनी स्तर पर बच्चों के द्वारा किए जाने वाले प्रेरक कार्यों व बाल मनोविज्ञान पर आधारित छत्तीसगढ़ी बाल कहानियों का मौलिक लेखन किया गया है। इसे संगवारी नामक पुस्तक के रूप में छत्तीसगढ़ राज राजभाषा आयोग रायपुर द्वारा प्रकाशित किया गया है। छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति को जोड़ते हुए बिपत के संगवारी, सुनता के फल, मिहनत ले बरकत, रुख़-राईं, गंगा अमली, गोंदा फूल, गुलाम, अगासदीया, गउ महतारी, ममा दाई, कुकुरमठ, नुनहा चिला, बारी-बखरी, स्कूल जाबो, कुसियार, अपन पांव, गेंड़ी खपाबों, घरघुंंदिया, संगवारी आदि शीर्षक से बाल कहानियों का लेखन किया गया है।
इसमें से अधिकांश कहानियां आकाशवाणी रायपुर से प्रसारित भी किया गया है। इसकी प्रति दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रिय विधायक एवं गृह मंत्री छत्तीसगढ़ शासन ताम्रध्वज साहू को उनके ग्राम भ्रमण के दरमियान भेंट की गई। इसके लिए उन्होंने लेखक राम कुमार वर्मा को हार्दिक शुभकामनाएं दी तथा निरंतर इस दिशा में काम करते हुए छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य को समृद्ध करने की प्रेरणा दी। साथ ही वर्मा द्वारा कोलिहापुरी शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला को शिक्षिका आरती चंद्राकर, योगिता शर्मा, रविकांत देवांगन, आशा साहू, विद्यार्थियों, जन प्रतिनिधियों सहित शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों के सक्रिय सहयोग से राज्य के स्वच्छ व श्रेष्ठ विद्यालय बनाने की कार्य योजना प्रस्तुत कर उनके द्वारा पूर्व में किए गए सहयोग के लिए साधुवाद व्यक्त किया गया।

इस दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग शालिनी रिवेन्द्र यादव,अध्यक्ष जनपद पंचायत दुर्ग देवेन्द्र देशमुख, उपाध्यक्ष झमीत गायकवाड़, दुर्ग ग्रामीण ब्लाक अध्यक्ष नन्दकुमार सेन,ग्राम के वरिष्ठ समाजसेवी व पूर्व सभापति जिला पंचायत दुर्ग केशव बंटी हरमुख, ग्राम सरपंच ज्वाला प्रसाद देशमुख, उपसरपंच सुनील मिश्रा, जनपद सदस्य ज्ञानेश्वर विक्की मिश्रा एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
