जम्मू (एजेंसी)। माता वैष्णो देवी के दरबार में नए साल पर रात करीब 2.45 बजे भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और दिल्ली के हैं। यह हादसा गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुआ।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब कोरोना के कारण 25 हजार श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति थी तो बेतहाशा भीड़ कैसे पहुंच गई। इस लापरवाही का आखिर जिम्मेदार कौन हैं।

बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण आठ दिन तक जम्मू और कटड़ा आने वाली ट्रेनें बंद थी। अचानक इसके खुलने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंच गए। बीते सालों में 31 दिसंबर को 50 हजार तक यात्री पहुंचते हैं। इस बार इनकी संख्या इससे कई गुना बढ़ गई।

भीड़ पर नियंत्रण न होने के कारण इस प्रकार की घटना हो गई। इसकी बड़ी वजह लापरवाही बताई जा रही है। हादसे में मारे गए लोगों के परिवार वालों को 12-12 लाख एवं घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये आर्थिक मदद की घोषणा कर दी गई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर शोक जताया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दोपहर बाद नारायणा अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। इसके बाद वह डीजीपी दिलबाग सिंह के साथ भवन पहुंचे। उन्होंने मौके पर व्यवस्था का जायजा लेते हुए श्रद्धालुओं से बात की।