भिलाई। यह बेहद आश्चर्य की बात है कि भिलाई जिला भाजपा न केवल असंगठित है अपितु विपक्ष के दायित्वों को पूरा करने में भी नाकाम रही है। उसके नेता ख्वाबों-ख्यालों की दुनिया में मस्त हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर गर्त में जाती पार्टी का खेवनहार कौन बनेगा? एक ओर जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस भावी तैयारियों को मूर्त रूप देने में जी-जान एक किए है तो दूसरी ओर भाजपा कई गुटों, धड़ों और नेताओं में बँटी नजर आ रही है।
तीन महीने के बाद प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगमों में शुमार भिलाई, रिसाली और भिलाई-चरोदा नगर निगमों में अहम् चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ दल कांग्रेस इन चुनावों को कितनी गम्भीरता से ले रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी के नेता स्थानीय स्तर पर पूरी ताकत झोंक रहे हैं। स्थानीय समस्याओं के निपटारे के लिए लगातार दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। वार्ड व बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके विपरीत भाजपा में कहीं कोई तैयारी नजर नहीं आती। वैसे तो भाजपा के ही भीतर कई धड़े मौजूद हैं, जो अपनी ढपली पर अपना राग गा रहे हैं, किन्तु कई नेता पार्टी लाइन से अलग हटकर, पार्टी की ही तर्•ा पर काम कर रहे हैं। दो सांसदों, एक पूर्वमंत्री के गुटों में बँटी भाजपा के ही भीतर समानांतर संगठन चलाए जा रहे हैं। बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति में भाजपा संगठन की ही तर्ज पर नियुक्तियां हो रही है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति श्रीराम जन्मोत्सव समिति में भी है।
बोल बम समिति के अध्यक्ष दया सिंह पर पूर्व मुख्यमंत्री की वरदहस्ती है। उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और अनेक दिग्गज नेता शिरकत करते हैं। पिछले कुछ समय से इस धार्मिक समिति में व्यापारी, महिला व अल्पसंख्यक जैसे प्रकोष्ठ बनाए गए। सवाल यह है कि आखिर एक धार्मिक संगठन में ऐसे प्रकोष्ठों की आवश्यकता क्या है? बोल बम समिति से जुड़े सूत्र इसे संगठन विस्तार का अपना नजरिया बताते हैं, किन्तु इस तरह की तमाम नियुक्तियां भाजपा के सांगठनिक प्रारूप पर ही हो रही है। स्पष्ट है कि समिति के अगुवा नेता पार्टी-संगठन की गतिविधियों और उनके कार्यकलापों यहां तक की भाजपा में हो रही नियुक्तियों से नाखुश हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव के वक्त बोल बम समिति के अध्यक्ष को उनके राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक योगदान के मद्देनजर कोई बड़ी जिम्मेदारी दे दी जाए। यदि ऐसा होता है तो पार्टी को न केवल बड़ा संबल मिलेगा, अपितु चुनाव के नतीजों पर भी असर होगा।

दूसरी ओर भाजपा के ही समानांतर एक अन्य संगठन बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है। यह संगठन है श्रीराम जन्मोत्सव समिति। कहने को तो इस समिति का अस्तित्व मात्र दशहरा उत्सव तक सीमित है, किन्तु निगम में कांग्रेस का कार्यकाल खत्म होने पर मुक्ति पखवाड़ा मनाना, पानी को लेकर लम्बे समय तक जनांदोलन करना यह इंगित करता है कि अब यह संगठन राजनीतिक पैर पसारने को अग्रसर है। इस समिति के बैनर तले पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय के पुत्र व युवा नेता मनीष पाण्डेय लगातार अपना राजनीतिक कद बढ़ा रहे हैं। दरअसल, प्रदेश से सत्ताच्युत होने के बाद अब भाजपा में ज्यादा कुछ बचा नहीं है। एक संगठन है, किन्तु उस पर भी दूसरे गुट का कब्जा है। यह दूसरा गुट अपने मन-मुताबिक काम कर रहा है। वरिष्ठ, समर्पित और जुझारू नेताओं व कार्यकर्ताओं की कोई पूछपरख नहीं हो रही। ऐसे में बहुत सारे लोगों को श्रीराम जन्मोत्सव समिति में भावी संभावनाएं नजर आतीं हैं। मजे की बात तो यह है कि बोल बम समिति और श्रीराम जन्मोत्सव समिति में बहुधा ऐसे लोग ही हैं जो पार्टी में गुटविशेष के प्रभाव से नारा•ा हैं। ऐसे ही नाराज लोगों को एकजुट कर समानांतर संगठनों से जोड़ा जा रहा है।
ऐसा नहीं है कि इन तमाम हालातों से स्थानीय व प्रदेश के नेता वाकिफ नहीं है, किन्तु कोई भी पार्टी के भीतर लगातार बिगड़ रहे हालातों को दुरूस्त करने दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं के भीतर यह मानसिकता घर कर गई है कि सत्ता का फायदा दीगर लोग उठाते हैं और जब काम करने का वक्त आता है तो कार्यकर्ताओं की मान-मनौव्वल की जाती है। कार्यकर्ता इस बात से भी भलीभांति वाकिफ हैं कि चुनाव से ऐन पहले प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को भेजकर कार्यकर्ताओं का महिमामंडन किया जाएगा और उनसे अपेक्षा की जाएगी वे पूर्ववत् समर्पण भाव से काम करें। लेकिन सत्ता में आ जाने के पश्चात उन्हें फिर से विस्मृत कर दिया जाएगा।
जिला भाजपा अध्यक्ष ने नहीं उठाया फोन
भाजपा संगठन में चल रही गड़बडिय़ों को लेकर जब इस संवाददाता ने भिलाई जिला भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र साहू से सम्पर्क करने चाहा तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
हनुमान जी की भूमिका में रहेगी समिति
श्रीराम जन्मोत्सव समिति एक धार्मिक संगठन है। हमारी मंशा फिलहाल चुनाव लडऩे की नहीं है, किन्तु हमारी समिति हनुमानजी की भूमिका में अवश्य रहेगी
मनीष पाण्डेय
विचार कर निर्णय लिया जाएगा
यह सच है कि बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के जुझारू व समर्पित कार्यकर्ता प्रत्येक वार्ड में मौजूद हैं। आने वाले दिनों में कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा कि हम चुनाव लड़ें अथवा नहीं।
दया सिंह




