धारचूला (एजेंसी)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन सीमा को जोडऩे वाली सड़कों पर नवनिर्मित चार पुलों का लोकार्पण किया। इनमें एक स्पान पुल जबकि तीन बैली ब्रिज शामिल हैं। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘कनेक्टिविटी का देश के विकास में बहुत महत्व है। बीआरओ ने देश के कई क्षेत्रों को जोडऩे में अहम भूमिका निभाई है।Ó लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों से भी मुलाकात की। इस दौरान, जवानों के साथ वाहेगुरु जी की फतेह भी बोला।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ये पुल चीन सीमा तक सेना की पहुंच आसान होगी। साथ ही सीमांत के लोगों को भी आवागमन में सुविधा मिलेगी। बीआरओ के हीरक परियोजना के चीफ इंजीनियर एमएनवी प्रसाद ने बताया कि जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर जौनालीगाड़ में 6.5 करोड़ की लागत से 70 मीटर लंबे स्पान पुल का निर्माण किया गया है।
तवाघाट-घटियाबगड़ मार्ग पर जुंतीगाड़ में 140 फीट ट्रिपल सिंगल रीइंसफोस्र्ड बैली ब्रिज, जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर किरकुटिया नाला पर 180 फीट डबल-डबल रीइंसफोस्र्ड बैल ब्रिज और मुनस्यारी-बोगडियार-मिलम मोटर मार्ग पर लास्पा नाले पर 140 फीट डबल-डबल रीइंसफोस्र्ड बैली ब्रिज का निर्माण किया गया है। इन पुलों का ऑनलाइन शुभारंभ सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
लास्पा नाले में बना बेली ब्रिज उच्च हिमालयी क्षेत्र में है। जौलजीबी-मुनस्यारी-मिलम और तवाघाट-घट्टाबगड़ सड़कें सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन पुलों के निर्माण से चीन सीमा तक भारत की पहुंच और अधिक मजबूत होगी। प्रवास पर जाने वाले धारचूला और मुनस्यारी के स्थानीय नागरिकों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी और पर्यटन गतिविधियों भी बढ़ेंगी।
राजनाथ सिंह ने किया चीन सीमा से जोडऩे वाले पुलों का उद्घाटन… जवानों संग बोले- वाहेगुरु जी की फतेह




